भारत में अशांति फैलाने के लिए आतंकियों का पनाहगार पाकिस्तान हमेशा से ही साज़िश रचता रहा है। इनदिनों जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी जैसे संकट से जूझ रही है, वहीं भारत के खिलाफ पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकियों को मदद मुहैया करा रहा है। इस बात का खुलासा कनाडा के एक प्रमुख थिंक टैंक एमएल इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में किया है। वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवक्सी ने अपनी रिपोर्ट ‘खालिस्तान: ए प्रॉजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ में बताया है कि खालिस्तान आंदोलन कनाडा और भारत दोनों ही देशों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
पाकिस्तान का यह कदम कनाडा के लिए बड़ा राष्ट्रीय खतरा
पत्रकार टेरी मिलेवक्सी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि खालिस्तान आंदोलन के बाद भी सच्चाई यह है कि कनाडा के सिख इस आंदोलन के जरिए अपने गृह राज्य पंजाब नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों के लिए पाकिस्तान की यह साज़िश बड़ा राष्ट्रीय खतरा बन गई है। पंजाब में खालिस्तान के कुछ ही समर्थक बचे हैं, इसलिए कनाडा में खालिस्तान के समर्थकों को पाकिस्तान की मदद बढ़ गई है। ये खालिस्तानी अब न केवल भारत बल्कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं।
‘खालिस्तान: ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भले ही भारत में खालिस्तान को लेकर बहुत समर्थन नहीं है, लेकिन पाकिस्तान लगातार एक बार फिर से खालिस्तानी आंदोलन को ज़िंदा करने की पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए पाकिस्तान के जिहादी समूहों ने सिख अलगाववादियों से हाथ मिलाया है और वे साथ मिलकर भारत के खिलाफ साज़िशों को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।
सिख युवाओं को कट्टरवाद की ओर मोड़ा जा सकता है
पत्रकार टेरी की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकी नवंबर 2020 में स्वतंत्र खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह कराने के बारे में सोच रहे हैं। हालांकि, कनाडा सरकार ने कहा है कि वह इसकी मान्यता नहीं देगी लेकिन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जनमत संग्रह से अतिवादी विचारधारा को ऑक्सीजन मिल सकता है। इस जनमत संग्रह से कनाडा के सिख युवाओं को कट्टरवाद की ओर मोड़ा जा सकता है। इससे मेल-मिलाप की संभावनाओं के लिए संकट पैदा हो जाएगा। वहीं, अब कनाडा के नेताओं ने ही खालिस्तान को लेकर चिंता जाहिर की है।
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टेरी मिलेवक्सी की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के पूर्व कैबिनेट मंत्री उज्जल दोसांझ और थिंक टैंक के एक प्रोग्राम डायरेक्टर शुवालॉय मजूमदार ने कहा, ‘खालिस्तान प्रस्ताव का मार्गदर्शन करने में पाकिस्तान के प्रभाव को समझने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मिलेवक्सी की रिपोर्ट का अध्ययन जरूर करना चाहिए। दुनिया के दो लोकतंत्रों में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद किस कदर से पांव पसार रहा है।’