जिस कदर भारत में बैंडमिटन खेल नई उपलब्धियों की ओर बढ़ा रहा है उसकी नजीता है कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी महूर शहजाद और बड़ी कामयाबी व प्रैक्टिस के लिए भारत आना चाहती है। उनका सोचना भी सही है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बैडमिंटन में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ा है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी अलग पहचान स्थापित की है जिनसे प्रभावित होकर वे भी अपनी पहचान बढ़ाना चाहती है। फिर कौन नहीं चाहेगा जब अपना ही पड़ौसी देश कम खर्च पर उन्हें भी प्रशिक्षित कर सकता है और यहां पर कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी होती हैं। शायद यही सोच कर उन्होंने अपने देश के खेल अधिकारियों से अपील भी की।
महूर ने कहा कि बैडमिंटन खिलाड़ियों को कोचिंग और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए भारत भेजा जाए। लाहौर में नेशनल चैम्पियनशिप का एकल खिताब जीतने वाली महूर ने कहा कि बैडमिंटन में वे काफी मजबूत हैं और अब भारत में नियमित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होती हैं।
महूर ने 2017 में इस्लामाबाद में हुए इंटरनेशनल इवेंट में एकल वर्ग का खिताब जीता था और उन्होंने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि उनका सपना जापान के टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक 2020 के लिए क्वालिफाइ करना है। महूर ने कहा कि इस समय वह टॉप 200 बैडमिंटन खिलाड़ियों में जगह बनाने वाली पहली पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं। पर उन्हें ओलिम्पिक में क्वालिफाइ के लिए टॉप 70 में आना होगा।
इसके लिए बेहतरीन कोचिंग के साथ-साथ विभिन्न टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय इवेंट में हिस्सा लिया, लेकिन अभी भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत जाकर वहां खेलने की जरूरत महसूस होती है। महूर ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन से सीखने में कुछ भी गलत नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच नवंबर 2008 में हुए मुंबई अटैक के बाद दोनों देशों के बाद खेल के रिश्तों में भी दरार आ गई थी।
क्या कारण है कि महूर बैडमिंटन की प्रैक्टिस के लिए भारत आना चाहती है –
अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों का बढ़ता वर्चस्व, जिसके चलते कई पदक जीतें हैं।
विश्व के टॉप रैंकिंग में भारतीय खिलाड़ी (पुरुष व महिला दोनों) का शामिल होना।
भारत के प्रमुख बैडमिंटन खिलाड़ी
पी.वी. सिन्धु
पी.वी. सिन्धु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिन्धु है।
उनका जन्म 5 जुलाई, 1995 को तेलंगाना के हैदराबाद में हुआ था।
वे भारत की प्रमुख बैडमिंटन खिलाड़ियों में शामिल हैं। उन्होंने हाल ही में 2017 की विश्व बैडमिंटन चैम्पियन नोजोमी ओकुहारा को हराकर विश्व टूर फाइनल्स 2018 के खिताबी मुकाबला जीता। यह खिताब जीतने वाली वे पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं।
यही नहीं वे पहली भारतीय खिलाड़ी है जिन्होंने 2016 में रियो ओलम्पिक में देश के लिए रजत पदक जीता है।
सिन्धु को वर्ष 2016 का ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार प्रदान किया।
सायना नेहवाल
शीर्ष वरीयता प्राप्त करने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी एवं इस मुकाम तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला है।
सायना ने हाल में हुए इंडोनेशिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट 2019 का खिताब जीता।
लंदन ओलम्पिक 2012 में उन्होंने महिला एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीत कर बैडमिंटन में ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी बनीं।
नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमण्डल खेल 2010 में देश को स्वर्ण पदक दिलाया।
उन्हें वर्ष 2010 का ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार प्रदान किया।
पुलेला गोपीचंद
वर्तमान में भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच हैं।
11 मार्च, 2001 को ऑल इंग्लैण्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीत कर एक नया इतिहास लिखा।
उनसे 21 वर्ष पहले प्रकाश पादुकोण ने ऐसा किया था।
वर्ष 2001 में उन्हें ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार प्रदान किया गया।