पाकिस्तान को सुरक्षित छोड़ना होगा विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान, जानिए क्या है जिनेवा कन्वेंशन?

Views : 5736  |  0 minutes read
chaltapurza.com

भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की बहादुरी के चर्चे आम हैं। 27 फरवरी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उनका मिग-21 गिरने से पहले वर्तमान ने अपनी जबरदस्त बहादुरी का परिचय दिया। दरअसल, मामला यह है कि हाल में पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने पाक में घुसकर आतंकी ठिकानों पर जमकर बमवर्षा की। ख़बरों के अनुसार, वायुसेना ने एयर स्ट्राइक करते हुए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 300 से ज्यादा आतंकी मार गिराए। इससे पाकिस्तान बौखला गया और इसके जवाब में बुधवार को F-16 जेट्स को भारतीय एयरस्पेस में भेजा। इस दौरान भारत ने भी जवाब देने के लिए अपने दो मिग-21 फाइटर जेट्स और सुखोई 30 लड़ाकू विमानों वाले कॉम्बैट एयर पट्रोल को लॉन्च किया और पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को सीमा पार भगा दिया।

chaltapurza.com

इस दौरान ही एक मिग-21 पर सवार भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों का पीछा करते हुए एक F-16 फायटर विमान को हमला कर नीचे गिरा दिया। लेकिन इस हमले के दौरान वह पीओके में घुस गए। इस पर पाक सेना ने विंग कमांडर वर्तमान के मिग-21 पर हमला किया और वे वहीं फंस गए। फिलहाल वे पाकिस्तानी सेना के कब्जे में हैं। पाक से उनके कुछ विडियोज भी सामने आए हैं। अभिनंदन वर्तमान मिग-21 उड़ाने में मास्टर माने जाते हैं। इधर भारत ने पुष्टि की है कि भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान के कब्जे में हैं। देशभर में उनकी सलामती के दुआएं और जल्द ही रिहाई की मांग की जा रही है। इस तरह के मामले में जिनेवा समझौता लागू होता है। जिसके तहत विंग कमांडर अभिनदंन की जल्द ही सकुशल रिहाई संभव है। आइए हम आपको बताते हैं इस जिनेवा कन्वेंशन के पूरे नियम कायदे…

chaltapurza.com

क्या है जिनेवा कन्वेंशन?

जिनेवा कन्वेंशन के तहत पीओडब्ल्यू यानी प्रिज़नर्स आॅफ वॉर (युद्धबंदियों) के अधिकारों और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। जिसके तहत इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को इनका पालन करना पड़ता है। जिनेवा कन्वेंशन में तीन संधियां और 3 अतिरिक्त प्रोटोकॉल्स हैं, जिनका मकसद मानवीय मूल्यों को बनाए रखने व उनकी रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून तय करना है। जिनेवा समझौता करीब 70 साल से भी पुराना है। यह संधि आज भी दुनियाभर में मानी जाती है। इसकी नींव 1929 और 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के तहत रखी गई। इसमें पहले की कई संधियों की मुख्य बातों को भी शामिल किया गया।

chaltapurza.com
जिनेवा कन्वेंशन के तहत ये अधिकार मिलते हैं बंदियों को

जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार, अगर कोई सैनिक अगर दूसरे मुल्क में युद्धबंदी बन जाता है तो उस पर जिनेवा कन्वेंशन यानी इंटरनेशनल प्रोटोकॉल लागू होता हैं। दूसरे मुल्क में जिंदा पकड़े जाने पर युद्धबंदी से सिर्फ उसका नाम, सर्विस नंबर और रैंक का नाम ही पूछा जा सकता है। इससे आगे उससे पूछताछ के लिए किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। समझौते के तहत कोई भी देश अपने युद्धबंदी को न तो अपमानित कर सकता है और न ही डरा-धमका सकता है। किसी प्रकार का अमानवीय बर्ताव नहीं किया जाएगा। युद्ध खत्म होने पर युद्धबंदी को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और उसे उसके देश भेजा जाना चाहिए। पकड़ने वाला देश युद्धबंदी के खिलाफ संभावित युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चला सकता है, लेकिन हिंसा की कार्रवाई के लिए नहीं जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत विधिपूर्ण है।

chaltapurza.com
कन्वेंशन के अनुच्छेद 3 के तहत युद्धबंदी का सही तरीके के इलाज किया जाएगा

जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार, युद्धबंदियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। कन्वेंशन के अनुच्छेद 3 के तहत युद्धबंदियों का सही तरीके के इलाज किया जाएगा। युद्धबंदी को उचित खाना-पीना दिया जाना चाहिए और उसकी हर तरह से देखभाल की जाएगी। कोई देश युद्धबंदी से उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप के बारे में नहीं पूछ सकता है। समझौते के तहत कोई भी देश अपने युद्धबंदी के साथ ऐसा काम नहीं कर सकता जिससे कि जनमानस के बीच किसी तरह की उत्सुकता पैदा हो। इस संधि के तहत युद्धबंदियों को ये अधिकार मिलेते हैं।

Read More: थैंक यूं मीडिया, ​अभिनंदन के बारे में सब कुछ बताने के लिए, आप सबसे सच्चे देशभक्त हैं…

पाकिस्तान कर चुका है जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन

जिनेवा समझौते के तहत यह भी लागू होता है कि टीवी पर युद्धबंदियों के चित्र, वीडियो या उनसे जुड़ी अन्य चीजें नहीं दिखाई जा सकती हैं। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के मामले में पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो सर्कुलेट किए हैं, जो जिनेवा कन्वेंशन का खुला उल्लंघन है। भारत और पाक के बीच भले ही युद्ध नहीं चल रहा है, फिर भी पायलट अभिनंदन वर्तमान पर वे सभी नियम लागू होंगे, जो जिनेवा कन्वेंशन के तहत युद्धबंदी पर लागू होते हैं। 1949 का जिनेवा समझौते में साफ-साफ लिखा है कि यह उन सभी मामलों में लागू होता है, चाहे घोषित युद्ध का मामला हो या नहीं। इस हिसाब से विंग कमांडर अभिनंदन के साथ पाक को जिनेवा कन्वेंशन को ध्यान में रखकर ही बर्ताव करना होगा।

COMMENT