शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने पर अक्सर लोग पेन किलर (दर्द निवारक दवा) का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें से अधिकांश लोग इस बारे में नहीं जानते हैं कि ज्यादा पेन किलर खाना घातक साबित हो सकता है। बॉडी में पेन होने पर लोग चिकित्सक की सलाह लिए बगैर दर्द निवारक गोली खा लेते हैं, यह कुछ समय के लिए राहत दे सकता है लेकिन इसके दुरगामी परिणाम बहुत हानिकारक है। यहां तक कि पेन किलर इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति नपुंसक भी बन सकता है। हालिया एक स्टडी में इसके साइड इफेक्ट्स पर कई चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं..
फर्टिलिटी लेवल में आती है कमी
हालिया एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि पुरुषों की ज्यादा पेन किलर खाने की आदत उन्हें फर्टिलिटी संबंधित बड़ी दिक्कत पहुंचाती है। यही नहीं, पेनकिलर के बेजा इस्तेमाल से कब्ज, मांसपेशियों में कमजोरी, स्ट्रोक होने का अधिक खतरा रहता है। इनके अलावा भी कई ऐसी बीमारियां है जो पेन किलर खाने से हो सकती है। इसलिए चिकित्सक भी नियमित रूप से पेनकिलर्स न खाने की सलाह देते हैं। स्टडी में इसका सबसे बड़ा साइड इफेक्ट नपुंसकता के रूप में सामने आया है। पेन किलर के ज्यादा इस्तेमाल से पुरुषों के फर्टिलिटी लेवल में भारी कमी आती है।
प्रेगनेंसी में हो सकती है बड़ी समस्या
हाल में नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज (एनएएस) के प्रोसीडिंग्स द्वारा करवाई गई स्टडी में सामने आया है कि बिना किसी चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन के सिर्फ़ केमिस्ट से पूछकर खायी जाने वाली पेन किलर पर निर्भर रहने वाले पुरुषों और उनके कम फर्टिलिटी लेवल के बीच गहरा संबंध है। पेनकिलर्स के ज्यादा इस्तेमाल से फर्टिलिटी लेवल में कमी आती है और इसकी वजह से बच्चे की प्लानिंग करते वक़्त प्रेगनेंट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दर्द निवारक दवाइयां पुरुषों में फर्टिलिटी लेवल को कमजोर करती है।
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नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा कराई गई स्टडी के लिए डेनमार्क और फ्रांस के 18 से 35 साल के बीच के 31 पुरुषों को चुना गया था, जिन्हें 6 हफ्ते तक 600 एमजी की एक पॉप्युलर दर्द निवारक टेबलेट खाने के लिए दी गई। वहीं, दूसरे प्रतिभागियों को स्टडी के दौरान सिर्फ प्लेसबो दवा दी गई। इसके 2 सप्ताह बाद इन लोगों के कई तरह के टेस्ट्स किए गए थे, जिसमें हॉर्मोन लेवल की भी तुलना की गई। इसमें सामने आया कि पेन किलर लेने वाले पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन के सही लेवल का प्रॉडक्शन नहीं हुआ, जिससे स्ट्रेस लेवल में बढ़ोतरी हुई है और स्पर्म की गतिशीलता में भी कमी सामने आई। इससे यह साफ़ हो गया कि पेनकिलर का ज्यादा इस्तेमाल पुरुषों के लिए घातक साबित हो सकता है।