ओजोन प्रदूषण बन सकता है असमय मौत की वजह, शोध से हुआ खुलासा

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Ozone Pollution

हमारी धरती को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाने का कार्य ओजोन पर त करती है। वह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर स्वस्थ किरणें भेजती है, लेकिन धरती पर बढ़ता ओजाने प्रदूषण वाली वायु हमारी सेहत के लिए हानिकारक है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जलवायु में रोजाना ओजोन प्रदूषण रहने की वजह से असमय मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है।

यह निष्कर्ष शोध में शामिल 20 देशों के 400 से ज्यादा शहरों में किए गए अध्ययन के आधार तैयार किए गए हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि यदि विभिन्न देश वायु गुणवत्ता के मानकों को सख्ती से लागू करें, तो 6 हजार से ज्यादा लोगों को अकाल होने वाली मौत से बचाया जा सकता है।

ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर गए तो उन्हें उच्च प्रतिक्रिया वाली ओजोन मिली। यह गैस ऑक्सीजन के तीन अणुओं से मिलकर बनती है। सांस के जरिये शरीर में पहुंचने पर यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है।

टेस्टोस्टेरोन की अधिकता से डायबिटीज व कैंसर का खतरा

अध्ययनकर्ताओं ने लैंगिक हार्मोन्स की अधिकता पर भी शोध किए हैं। उनका कहना है कि जिन महिलाओं में आनुवांशिक तौर पर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उच्च स्तर पाया जाता है, उनमें टाइप-2 डायबिटीज जैसे मेटाबोलिक (उपापचयी) रोग का खतरा बढ़ सकता है। आनुवांशिक तौर पर उच्च टेस्टोस्टेरोन वाली महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 37 प्रतिशत तक ज्यादा पाया गया। जबकि पुरुषों में इस हार्मोन के उच्च स्तर के चलते टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 14 प्रतिशत कम पाया गया।

यही नहीं नेचर मेडिसिन जर्नल में एक ओर शोध प्रकाशित हुआ जिसके मुताबिक, टेस्टोस्टेरोन की अधिकता की वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर का भी खतरा बढ़ सकता है। वहीं पुरुषों में इस हार्मोन के अधिक स्रावण से प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। यह निष्कर्ष कई अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है।

ब्रिटेन की एक्सेटर यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता कैथरीन रुथ ने कहा, ‘हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि बीमारी पर टेस्टोस्टेरोन के प्रभाव की गहराई से पड़ताल की गई है।’

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