देश की आबादी बहुत ज्यादा होने और वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने की वजह से कोरोना टीकाकरण को अबतक गति नहीं मिल सकी है, लेकिन सरकार अपनी ओर से इसको बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार ने कहा कि जुलाई या अगस्त की शुरुआत तक कोविड-19 के पर्याप्त टीके उपलब्ध होंगे, जिससे प्रति दिन एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकेगा। सरकार ने कहा कि टीके की कमी नहीं है और देश की बड़ी आबादी को देखते हुए धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने कहा कि दूसरी लहर धीमा पड़ रही है और जांच बढ़ाए जाने के साथ ही जिला स्तर पर निरूद्ध क्षेत्र बनाए जाने से मामलों को कम किया जा सका है।
दिसंबर तक देश की पूरी आबादी का टीकाकरण हो जाएगा: भार्गव
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में टीकाकरण में तेजी लाई जा रही है और हमें उम्मीद है कि दिसंबर तक देश की पूरी आबादी का टीकाकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत उन पांच देशों में शामिल है, जहां टीका का उत्पादन हो रहा है और कहा कि टीके की कोई कमी नहीं है। भार्गव ने कहा कि अगर आप एक महीने के अंदर देश की पूरी आबादी का टीकाकरण करना चाहते हैं तो आपको कमी महसूस होगी। देश में जितनी संख्या में टीकाकरण हुआ है वह अमेरिका में हुए टीकाकरण के बराबर है और हमारी आबादी अमेरिका की तुलना में चार गुना ज्यादा है। हमें धैर्य रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष के मध्य तक, मध्य जुलाई या अगस्त की शुरुआत तक हमारे पास इतना टीका होगा कि प्रति दिन एक करोड़ लोगों का टीकाकरण कर पाएंगे।
मई में राज्यों को 4,03,49,830 खुराकें नि:शुल्क मुहैया कराईं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने मई में राज्यों को टीके की 4,03,49,830 खुराकें नि:शुल्क मुहैया कराईं, जबकि राज्यों ने 2,66,50,500 खुराकें सीधे खरीदीं और निजी अस्पतालों द्वारा 1,24,54,760 खुराकें सीधे खरीदी गईं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को रोजाना संक्रमण दर 6.62 फीसदी थी जो एक अप्रैल के बाद सबसे कम है।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां जारी हैं: पॉल
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा जो संभावित परिदृश्य पेश किए जा रहे हैं, उसके मुताबिक कोरोना के मामलों में कमी आएगी और जून में स्थिति काफी अच्छी रहेगी। लेकिन चिंता तब है जब पाबंदियां खत्म होंगी तो हम किस तरह से व्यवहार करते हैं, क्योंकि वायरस अभी कहीं नहीं गया है। उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति को अलग-अलग कंपनी के टीके लगाने का प्रोटोकॉल नहीं है और कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक लगाए जाने की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बच्चों में कोरोना संक्रमण के बारे में पॉल ने कहा कि अभी तक बच्चों में कोरोना वायरस का गंभीर रूप सामने नहीं आया है, लेकिन अगर वायरस के व्यवहार में परिवर्तन होता है तो इसका प्रभाव उनमें बढ़ सकता है और इस तरह की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार की तैयारियां जारी हैं।
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