अब भारत में हवाई यात्रियों की सुरक्षा में ढील देने पर विमानन कंपनियों को एक करोड़ का जुर्माना भरना होगा। देश में विमानन सुरक्षा रेटिंग में सुधार लाने और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित अन्य नियामक संस्थानों को वैधानिक दर्जा देने वाले वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को मंगलवार को संसद की मंजूरी मिल गई। विधेयक में नए नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड के तौर पर जुर्माना राशि 10 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का भी प्रावधान है।
राज्यसभा में चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हुआ विधेयक
लोकसभा में बजट सत्र के दौरान पास यह विधेयक राज्यसभा में चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया। कांग्रेस, एनसीपी और टीएमसी समेत विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने इसे पास करा लिया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। विधेयक में सशस्त्रबलों से संबंधित विमानों को वायुयान कानून-1934 के दायरे से बाहर रखने का भी प्रावधान है।
राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, विधेयक का सबसे जरूरी हिस्सा डीजीसीए, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) को वैधानिक दर्जा देना है। इन संस्थानों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तीनों नियामकों के लिए एक महानिदेशक की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है।
फिलहाल देश में 109 हवाई अड्डे, 5 साल में सौ और बनेंगे
विधेयक पर चर्चा के दौरान पुरी ने कहा, दो साल में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरे नंबर का क्षेत्र हो जाएगा। एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर विपक्ष की चिंता पर पुरी ने कहा, 2006 में मुंबई और दिल्ली जैसे दो हवाई अड्डों का निजीकरण हुआ। इसके बाद भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) को 29,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इससे न सिर्फ इन दो हवाई अड्डों बल्कि देश के अन्य हवाईअड्डों के आधारभूत ढांचे को विकसित करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, फिलहाल देश में 109 हवाई अड्डे परिचालन में हैं। अगले पांच वर्षों में 100 अतिरिक्त हवाई अड्डे निर्मित किए जाएंगे।