ओलिविया कोलमैन ने इस साल अपना पहला ऑस्कर जीता है। 91वें एकेडमी अवार्ड्स में ओलिविया को “द फेवरेट” में उनके काम के लिए ए लीडिंग रोल कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान मिला।
ये तो हुई ऑस्कर वाली खबर लेकिन अब जो बताने जा रहे हैं वो दिल खुश कर देगा जैसे कोलमैन का यह सब जानने के बाद हुआ। जी हां, ऑस्कर जीतने से कुछ महीने पहले ही, ओलिविया कोलमैन ने जब भारत की यात्रा की तब उन्हें पता चला कि उनके पुरखे भारत में बिहार के किशनगंज के रहने वाले थे।
एक ब्रिटिश डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ के सिलसिले में कोलमैन ने उन कनेक्शनों की आगे पड़ताल की तो यह जानकर कोलमैन को बहुत आश्चर्य हुआ कि उनके परिवार का भारत से कनेक्शन रहा है।
कोलमैन के पूर्वज रिचर्ड कैंपबेल बैज़ेट अफ्रीका के तट से दूर सेंट हेलेना में पैदा हुए थे। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी के रूप में लंदन और कोलकाता में काफी दिनों तक काम किया। कोलमैन को इस दौरान पता चला कि उनके पूर्वज फिर किशनगंज चले गए, जहां बैजेट के बेटे चार्ल्स की पत्नी थी जिसे हैरियट कहा जाता था। हैरियट कोलमैन की दादी की दादी हुई जिनका जन्म 1807 में किशनगंज में हुआ था।
ओलिविया फिर किशनगंज जाती है और किशनगंज में पूर्व ब्रिटिश क्लब में पहुंचती है जहां उन्हें हैरिएट की शादी का मैरिज सर्टिफिकेट भी मिलता है। इसके बाद ओलिविया का मानना है कि हैरिएट की मां ब्रिटिश नहीं थी और वह एक स्थानीय महिला थी। जब हैरिएट तीन या चार साल की थी तो उसके पिता की मौत हो गई। उसके बाद हैरिएट की दादी उसे भारत से इंग्लैंड ले गई।
ओलिविया को आगे पता चलता है कि हैरिएट इंग्लैंड से कलकत्ता वापस आई थी जब वह 24 या 25 साल की थी। 1832 में हैरिएट ने विलियम ट्रिग गर्रेट से शादी की। हालांकि, 1833 में अपने पति की मृत्यु के बाद का हैरिएट का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं मिलता है।
ओलिविया कोलमैन इन सब को याद करते हुए कहती है कि, “मुझे लगता था कि मेरे परिवार में कोई भी बाहरी नहीं है लेकिन मैं गलत थी!…मुझे अब तक कोई ऐसा सबूत नहीं मिला था जिससे पता चले कि भारत में भी मेरे परिवार का कोई हिस्सा रहा हो।
हैरिएट के बारे में जानना मेरे लिए बेहद आश्चर्यजनक रहा और जब पता चला कि उनकी मां एक स्थानीय किशनगंज महिला थी, जो सबसे रोमांचित करने वाली बात है।