इन दिनों हर तरफ वेडिंग सीज़न का माहौल बना हुआ है। जिसके चलते सबसे अलग और खूबसूरत ट्रेडिशनल वियर्स के लिए भी होड़ लगी हुई है। मार्केट में फीमेल्स के लिए तो कई आॅप्शन्स उपलब्ध होते हैं, मगर परूषों के लिए इस मामले में कम आॅप्शन्स ही मिलते हैं। हालांकि आज कल डिजाइनर्स नए एक्सपीरिमेंट्स कर रहे हैं, पर चाहे लोगों के स्टाइल में कितना ही बदलाव आ जाए, लेकिन जोधपुरी कोट की जगह कभी कोई नहीं ले सकता।
पुरूषों के लिए जोधपुरी कोट एक ऐसा परिधान है जो आज भी ट्रेंड में बना हुआ है। इसे नेहरू कोट भी कहा जाता है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी और मनमोहन सिंह तक जोधपुरी कोट सभी की पसंद रहा है। अब ये खास परिधान फिर से फैशन में लौट आया है, लेकिन कुछ नए अंदाज़ में। दरअसल शिमला में इसे नया रूप देने की कोशिश की गई है, जो कि वहां के नौजवनों को भी काफी पसंद आ रहा है।
बता दें कि जोधपुरी कोट जो पहले प्लेन कपड़े से बनता था उसे अब ऊन व ऊन की पट्टी से बनाकर नया लुक दिया गया है। इस कोट का ये नया डिजाइन जहां एक तरफ विंटर सीज़न में सर्दी से बचने में आपकी मदद करेगा, वहीं दूसरी तरफ दूसरों से अलग लुक भी देगा। शिमला के युवा ऊन या ऊन की पट्टी का कोट बेहद पसंद कर रहे हैं। सर्दी के आते ही यह कोट शिमला के बाजारों में फिर दिखने लगा है। कई लोग इसे पहने नजर आ रहे हैं।
लाॅन्ग कोट शिमला के लगभग हर बड़े शोरूम में उपलब्ध है। हालांकि ऊन से बने इस कोट की कीमत काफी अधिक है, बावजूद इसके युवा इसे काफी पसंद कर रहे हैं। ये बाज़ार में 6 से 30 हजार रुपये तक की कीमत पर मिलते हैं। युवाओं का कहना है कि समय के साथ कोट के लुक में भले ही बदलाव आए हों, लेकिन पहाड़ी परंपरा में ऊनी वस्त्र का अक्सर बोलबाला रहा है। यही कारण है कि कोट के बदले हुए ट्रेंड को लोगों ने पसंद किया है।