स्टडी: ब्रह्मांड में 3.6 लाख किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से घूमती हुई वस्तु मिली

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एक ताजा स्टडी में ब्रह्मांड में घूमती हुई वस्तु मिलने का एक अनोखा मामला सामने आया है। यह वस्तु 3.6 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। शोध कर्ताओं ने दावा किया है कि आकाश गंगाओं का जमावड़ा ब्रह्मांड में सबसे बड़ी घूमती हुई वस्तु हो सकती है। बता दें कि आकाशीय पिंड अक्सर घूमते हुए नजर आते हैं, फिर वो चाहें ग्रह हों, तारे हों या फिर आकाश गंगाएं। हालांकि, आकाश गंगाओं का एक समूह अक्सर धीमी रफ्तार से घूमता है। कई शोधकर्ताओं को लगता है कि ब्रह्मांड के स्केल पर बड़ा क्लस्टर शायद इतनी रफ्तार पर ठहर जाता है।

स्टडी के सह लेखक नोम लिब्सकिंड ने किया खुलासा

जर्मनी में लीबिनिज इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स पॉटसडैम में एक कोर्मोलॉजिस्ट और स्टडी के सह लेखक नोम लिब्सकिंड ने इसका खुलासा किया। नई रिसर्च में लिब्सकिंड और उनके सहयोगियों ने पाया कि आकाश गंगाओं से बनी बड़ी ट्यूब्स जाहिर तौर पर घूमती है। उन्होंने कहा कि कुछ संरचनाएं इतनी बड़ी हैं कि उनके आगे पूरी आकाश गंगाएं धूल के कण जैसी दिखाई देती हैं। ये बड़ी ट्यूब्स आकाश गंगाओं के क्लस्टर की तुलना में बहुत बड़ी हैं। बता दें, इससे पहले किए गए एक रिसर्च में माना गया था कि करीब 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड का जन्म हुआ। इसके बाद ब्रह्मांड के अधिकांश ज्ञात पदार्थ को बनाने वाली अधिकांश गैस विशाल चादरें बनाने के लिए टूट गईं। वहीं, ये चादरें इन बड़ी ट्यूब्स को बनाने के लिए भी टूट गईं।

शायद गुरुत्वाकर्षण गैस, धूल और दूसरी चीजों को एक साथ खींच रहा

वै​ज्ञानिक नोम लिब्सकिंड ने कहा कि बिग बैंग के दौरान ब्रह्मांड में घूमने की हरकत नहीं हुई होगी। ऐसे में इन फिलामेंट्स के घूमने के कारण जो कुछ भी है, वह इतिहास में बाद में संरचनाओं के रूप में उत्पन्न हुआ होगा। इसके घूमने का एक कारण ये हो सकता है कि फिलामेंट्स का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण गैस, धूल और दूसरी चीजों को एक साथ खींच रहा है। इसकी वजह से ये चीजें फैलने लगी होंगी। उन्होंने कहा कि फिर भी हम निश्चित तौर पर यह बात नहीं कह सकते हैं कि इसके घूमने का सटीक कारण क्या है।

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