रिपोर्ट : गोमांस के नाम पर जब्त 93 प्रतिशत मांस भैंस औऱ बैल का निकला 

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देश में पिछले 4 सालों में गाय और उसके मांस की बरामदगी के नाम पर कई हत्याएं और हमले की वारदातें सामने आई हैं। अब हैदराबाद के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएम) ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसमें यह बताया गया है कि 2014 से 2017 के बीच पुलिस और पशुपालन विभाग ने देश के विभिन्न हिस्सों से मांस के सैंपल बरामद किए थे वो अधिकांश मांस बैल और भैंस का था और गाय का मांस इनमें ना के बराबर था।

एनआरसीएम ने देश भर से कुल 112 सैंपल लिए और इनको डीएनए जांच के लिए भेजा गया जहां पाया गया कि इनमें केवल 7 प्रतिशत ही गोमांस मौजूद था।

गौरतलब है कि एनआरसीएम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत काम करने वाला एक मांस रिसर्च अनुसंधान है।

एनआरसीएम ने अपने नतीजों पर पहुंचने के लिए देश के कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पुलिस और पशुपालन विभागों से मांस के 139 नमूने लिए।

इसके अलावा शोधकर्ताओं को कई दिलचस्प बातें पता चली जहां एक मांस का नमूना जिसे गाय का बताया गया था वो ऊंट के मांस निकला वहीं एक मामले में कुत्ते के मांस का संदेह वाला नमूना भेड़ का मांस निकला।

देश के कई राज्यों में गोमांस के सेवन पर बैन लगाया जा चुका है, मालूम हो कि गोमांस रखने के शक में देश में भीड़ द्वारा हमला कर कई हत्याओं को अंजाम दिया गया था।

इंडियास्पेंड की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो 2010 से गो-रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हमले के 87 मामले सामने आएँ हैं जिनमें 34 लोगों को जान गंवानी पड़ी वहीं 158 लोग गंभीर घायल हुए।

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