Indian Railway: अब ‘इमोशनल इंटेलिजेंस’ की दी जाएगी ट्रेनिंग, तनाव होगा दूर

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भारतीय रेलवे अपनी क्षमता में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। सिग्नल फेल की समस्या को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करने के बाद अब भारतीय रेलवे ने इमोशनल इंटेलीजेंस (EI) के इस्तेमाल पर विचार किया है।
इमोशनल इंटेलीजेंस के तहत रेलवे के शीर्ष अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में अधिकारियों को तनाव से निपटने और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार की कोशिश की जाएगी। दरअसल रेलवे का मानना है कि कई बार शीर्ष स्तर में सहानुभूति की कमी, तनाव के कारण कई बार अधिकारियों की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। एक रेल अधिकारी के अनुसार कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि अधिकारी स्थिति के हिसाब से काम का दबाव नहीं झेल पाते, जिससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।

यही वजह है कि इमोशनल इंटेलीजेंसी ट्रेनिंग के जरिए अधिकारियों में अभिव्यक्ति, तनाव मैनेजमेंट और समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित की जाएगी। इमोशनल इंटेलीजेंसी के जरिए रेलवे के अधिकारियों में सहकर्मियों के प्रति सहानुभूति, लचीलापन, तनाव झेलने की क्षमता आदि का विकास होगा। खबर के अनुसार, यह ट्रेनिंग वैश्विक स्तर के ट्रेनरों द्वारा दी जाएगी। इमोशनल इंटेलीजेंस का कोर्स मॉड्यूल कनाडा के मल्टी हेल्थ सिस्टम्स द्वारा विस्तृत रिसर्च के बाद तैयार किया गया है। इस ट्रेनिंग के बाद रेलवे अधिकारी भावनात्मक और दबाव की परिस्थिति, खासकर ग्राहकों के साथ बातचीत में ज्यादा बेहतर तरीके से प्रदर्शन कर पाएंगे।

रेलवे के सभी जनरल मैनेजर्स और डिविजनल रेलवे मैनेजर्स को इमोशनल इंटेलीजेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग वडोदरा स्थित भारतीय रेलवे की नेशनल एकेडमी में आयोजित की जाएगी। रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न जनरल मैनेजर्स ट्रेनिंग लेने के बाद विभिन्न जूनियर रेलवे अफसरों को इसकी ट्रेनिंग देंगे। ऐसी भी खबरें हैं कि रेलवे अपने ट्रेनर्स को भी इमोशनल इंटेलीजेंस की ट्रेनिंग दिलवाने पर विचार कर रहा है, ताकि रेलवे ज्वाइन करने वाले युवाओं को भी भविष्य में ये ट्रेनिंग दी जा सके। माना जा रहा है कि इस ट्रेनिंग के बाद रेलवे कर्मचारियों की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी होगी और दबाव की परिस्थिति में रेलवे स्टाफ बेहतर काम कर सकेगा।

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