लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही हैं। अब चिराग को अपने स्वर्गीय पिता रामविलास पासवान का दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करना होगा। वह दिल्ली में अपने पिता के नाम पर आवंटित हुए बंगले में मां के साथ रह रहे हैं। लेकिन अब शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की ओर से चिराग को 12 जनपथ स्थित बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा गया है। इस बंगले में रामविलास पासवान तीस साल से ज्यादा समय से रह रहे थे।
माता-पिता के साथ हमेशा से ही इस बंगले में रहे चिराग
आपको जानकारी के लिए बता दें कि संपदा निदेशालय ने 14 जुलाई को पहला नोटिस जारी किया था, जिसके बाद चिराग पासवान ने थोड़ा वक्त मांगा था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में चिराग दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए। उन्हें नॉर्थ एवेन्यू में एक बंगला आवंटित किया गया है, लेकिन वह यहां नहीं रहते। वो वर्षों से अपने पिता व भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बंगले में अपनी मां के साथ रहते आए हैं।
चिराग ने बंगला खाली करने के लिए मांगा था वक्त
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामविलास पासवान ने जीवित रहते अपने दौर में इस बंगले के अंदर ही अपना और बेटे चिराग का दफ्तर बना लिया था। बंगला खाली करने का आदेश जारी होने से पहले चिराग पासवान ने कुछ वक्त की मांग की थी। चिराग ने पिता रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि तक इसमें रहने देने की अपील की थी। मालूम हो कि इससे पहले शहरी विकास मंत्रालय की ओर से चिराग पासवान के चाचा और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को 12 जनपथ स्थित बंगला अलॉट किया गया था, लेकिन सांसद पारस ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था। पारस ने कहा था कि इससे राजनीतिक तौर पर गलत संदेश जाएगा।
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