नए आईटी नियम सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए हैं, यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं: मंत्री प्रसाद

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नए आईटी नियमों को लागू करने को लेकर सरकार इस बार सोशल मीडिया कं​पनियों की मनमानी पर काफी सख्त रुख अपना रही है। केंद्रीय कानून व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के नए नियम केवल दुरुपयोग रोकने के लिए बनाए गए हैं। इससे यूजर्स की निजता को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। बता दें, व्हॉट्सएप द्वारा आईटी नियमों को अदालत में चुनौती देने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने अपना बयान जारी किया है।

इससे पहले सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और गूगल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का वह पूरा पालन करेगा। इसके लिए फेसबुक अपनी कार्यप्रणाली में भी बदलाव ला रहा है। वहीं, जनवरी से अपने यूजर्स को नई निजता नीति स्वीकार करने या अकाउंट डिलीट करने के लिए तैयार रहने की धमकी देने वाले व्हाट्सएप ने कहा की वह नीति को लागू करने से पहले भारत सरकार के निजी डाटा संरक्षण कानून का इंतजार करेगा।

25 मई से देश में प्रभावी हो गए हैं नए आईटी नियम

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने के लिए नए आईटी नियम जारी किए थे, जो 25 मई से प्रभावी हो गए हैं। नए नियमों को लेकर फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया कि नए नियम असंवैधानिक हैं। ये नियम आईटी नियम निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं। ऐसे में इन्हें लागू किए जाने से रोका जाना चाहिए।

इसके बाद केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह मानती है और उसका सम्मान करती है। नए आईटी नियम सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाए गए हैं। इनसे व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया यूजर्स को डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचनाओं का स्वागत करती है। नए आईटी नियम सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाएंगे।

सोशल मीडिया कंपनियों को मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी

जानकारी के लिए बता दें कि नए आईटी नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी, जिसमें उन्हें प्राप्त सभी शिकायतों, उनमें की गई कार्रवाई और मंच से हटाई/प्रतिबंधित की गई सामग्री का ब्यौरा देना अनिवार्य रहेगा। इसके साथ ही कंपनियों को अपनी वेबसाइट या एप या फिर दोनों पर भारत में संपर्क का पता देना होगा। देश की सुरक्षा-संप्रभुता, कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचानी वाली सामग्री का स्रोत भी बताना पड़ेगा।

उधर, व्हॉट्सएप ने भारत सरकार के इन नियमों को अदालत में चुनौती दी है, जबकि फेसबुक-गूगल ने अमल करने का भरोसा तो दिलाया है, लेकिन इसकी समय-सीमा नहीं घोषित की है। वहीं, ट्विटर ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ये भी कहा जा रहा है कि कंपनियां नए नियमों में कुछ बदलाव चाहती हैं। वे इनके क्रियान्वयन के लिए छह महीने की मोहलत देने की भी पक्षधर हैं।

50 लाख से अधिक यूजर वाले प्लेटफॉर्म्स पर लागू हैं नियम

भारत सरकार की नई सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लागू है, जिनके 50 लाख से अधिक यूजर्स हैं। वर्तमान में देश में सेवाएं दे रहे सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, सिग्नल आदि नए कानून के दायरे में आ रहे हैं। नए नियमों के अनुसार, सरकार सोशल मीडिया कंपनियों को उनके प्लेटफार्म से किसी भी कंटेंट को 36 घंटे की मोहलत देकर हटाने का आदेश दे सकती है। कंटेंट न हटाने पर संबंधित प्लेटफार्म पर आपराधिक मुकदमा दायर किया जा सकता है।

भारत सरकार के नए आईटी नियम क्या कहते हैं?

  • नए आईटी नियमों के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों के लिए हर मैसेज के स्रोत का पता लगाना अनिवार्य है।
  • अधिकृत एजेंसियों की आपत्ति के 36 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा।
  • सोशल मीडिया कंपनियों को देश में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना पड़ेगा।
  • अश्लील पोस्ट के अलावा उस तस्वीरों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा, जिनसे किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गई है।

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