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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का एक धड़ा पिछले कुछ समय से आंदोलनरत है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में देश में सड़क से संसद तक संग्राम जारी है। विपक्ष के कइ्र्र नेता किसान आंदोलन की अगुवाई करने वालों से मिल चुके हैं। इसी बीच अमेरिका ने नए कृषि कानूनों को लेकर भारत का समर्थन किया है। बाइडन प्रशासन ने कहा कि वह मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत करता है। इससे दुनिया में भारतीय बाजार का प्रभाव बढ़ेगा और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। साथ ही अमेरिका ने यह भी स्वीकार किया कि कृषि कानूनों पर शांतिपूर्ण विरोध एक संपन्न लोकतंत्र का एक अच्छा उदाहरण है।
भारत सरकार के कदम का समर्थन करती है बाइडन सरकार
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत में किसानों के एक धड़े द्वारा किया जा रहे आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि बाइडन सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार के कदम का समर्थन करती है, जो किसानों के लिए निजी निवेश और अधिक बाजार पहुंच को आकर्षित करती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि सामान्य तौर पर अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है, जो भारतीय बाजारों की दक्षता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे।
शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका, भारत के अंदर बातचीत के माध्यम से पार्टियों के बीच किसी भी मतभेद को हल किया जाने के पक्ष में है। सामान्य तौर पर अमेरिका भारतीय बाजारों की कार्य कुशलता को सुधारने और बड़े पैमाने पर निजी सेक्टर के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करता है।’
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