कुर्सी मिलेगी या नहीं, बताएंगे भीलवाड़ा के नाथूलाल

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चुनाव सिर पर हों तो कौन ​नेता नहीं चाहेगा कि उसे कुर्सी मिले। ऐसे में यदि कोई चुनाव जीतने और कुर्सी मिलने की भविष्यवाणी कर दे और उसकी बातें सच भी होती हों तो नेताजी की इससे ज्यादा और क्या चाहिए। दरअसल भीलवाड़ा के करोई गांव में भविष्यवक्ता नाथूलाल व्यास रहते हैं। नाथूलाल की कही बातें अक्सर सच होती हैं। उन्होंने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के लिए भविष्यवाणी की थी, जो सच हुई थी और इस कारण अपने शपथ ग्रहण समारोह में नाथूलाल को भी बुलाया था। इसके बाद से नाथूलाल चर्चा में आ गए थे। उन्होंने कई राननीतिज्ञों के लिए सटीक भविष्यवाणी की है। शायद यही वजह है कि चुनाव आते ही नेतागण उनसे मिलने पहुंच जाते हैं ताकि अपने ​भविष्य के बारे में जान सकें।

खबरों के अनुसार 90 साल के नाथूलाल ने स्मृति ईरानी के सफल राजनीतिक कॅरियर की भविष्यवाणी की थी जब वह राजनीति में कदम रखने जा रही थीं। अब वह कैबिनेट मंत्री हैं।

गांव में हो गए कई भविष्यवक्ता

जब कोई एक व्यक्ति फेमस होता है तो उस क्षेत्र पर भी काफी असर पड़ता है। नाथूलाल की फेम को भुनाने में अब क्षेत्र के कई भविष्यवक्ता सामने आ गए हैं। पिछले कुछ समय में करोई गांव में ज्योतिषों की संख्या में इजाफा हुआ है। यह गांव भीलवाड़ा से 20 किलोमीटर दूर है। नेता ही नहीं बल्कि सिलेब्रिटी और रिसर्च स्कॉलर भी कस्बे का दौरा करते हैं। नाथूलाल भृगु संहिता की जानकारी रखने वाले कुछ विशेषज्ञों में से एक हैं।
यह एक ऐस्ट्रोलॉजिकल किताब है जिसे वैदिक विज्ञान आधारित गणना करने में इस्तेमाल किया जाता है।

फोन पर देते हैं परामर्श

नाथूलाल दिल्ली में बैठे कई नेताओं को फोन पर परामर्श देते हैं। नाथूलाल के साथ उनके पड़पोते भी सहयोग करते हैं जो नाथूलाल से मिलने आने वाले लोगों को अटैंड करते हैं। उनसे क्लाइंट की लिस्ट में कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी से लेकर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद अमर सिंह और धीरूभाई अंबानी शामिल हैं।
पिछले दो हफ्तों में मंडल के बीजेपी विधायक कालूलाल गुर्जर और स्थानीय नेता ओम नटवरलाल और धीरज गुर्जर वहां आ चुके हैं।

एमपी से भी आ रहे हैं राजनीतिज्ञ

सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से भी नेताओं का आना लगा है जहां 28 नवंबर को चुनाव होने हैं। विधायकों में जीतेंद्र गहलोत, जीतेंद्र दागा और तीरथ सिंह उनके पास आ चुके हैं। उनके करीबी लोगों का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। उनसे मिलने आने वाले लोगों की संख्या टिकट बंटने के बाद और बढ़ती जाएगी।

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