जहां मोदी जाएंगे वहां शाह नही, जहां शाह जाएंगे वहां मोदी नहीं, जानें क्यों

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भाजपा की एक ईकाई ने फैसला किया है कि अब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक ही मंच पर साथ नहीं रहेंगे। ये फैसला लेने के ​पीछे कारण राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव जिसके लिए पार्टी के पास अपना प्रचार करने का बहुत ही कम समय रह गया है और यहां प्रचार के लिए मोदी और शाह का आना बेहद ही जरूरी है।

सत्ता में वापसी के लिए भाजपा का प्रदेश संगठन प्रचार प्रसार के लिए मोदी और शाह की जोड़ी को ही सबसे ज्यादा पसंद करता है और अब भाजपा की योजना है कि वो प्रचार प्रसार के अंतिम दौर में दोनों दिग्गजों को प्रचार प्रसार के लिए अलग अलग मैदान में उतारेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह 20 नवंबर के बाद प्रदेश 20 से ज्यादा जिलों में बड़ी सभाएं कर सकते हैं। प्रदेश संगठन ने सभा और रोड शो के लिए जिलों का चयन भी कर लिया है जहां मोदी और शाह को अलग अलग जाना होगा। यहां पीएम मोदी से ज्यादा प्रचार नहीं कराए जाने का भी फैसला लिया गया है तो वहीं शाह के जिम्मे कुछ ज्यादा जिले रहेंगे।

शाह को विधानसभा स्तर पर भी सभाएं करने का अतिरिक्त भार सौंपा जाएगा। सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कम से कम अभी 100 सीटों पर प्रचार करना पड़ेगा क्योंकि मोदी और शाह के बाद केवल वही है जिनके नाम पर लोगों की भीड़ जमा हो सकती है।

आखिरी चरण में तेज होगा चुनाव प्रचार अभियान

इस साल राजस्थान के अलावा अन्य 3 राज्यों में चुनाव होने है मगर यहां अभी टिकटों को लेकर ही कोई फैसला नहीं हो पाया है। भाजपा के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह तय किया है कि सभी राजस्थान में भाजपा अपना प्रचार प्रसार अभियान अंतिम 15 दिनों में ज्यादा तेज करेगी ऐसे में शाह और मोदी की सभाओं को भी अलग अलग आयोजित कराने का फैसला लिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा जिले कवर किए जा सके और समय की भी बचत हो पाए।

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