जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली को 99 साल बाद अपनी पहली महिला वाइस चांसलर मिल गई है। प्रोफेसर नजमा अख्तर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। वह ना सिर्फ जामिया मिलिया का ही बल्कि दिल्ली स्थित किसी भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं। एमएचआरडी की अनुशंसा पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया अधिनियम 1988 के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने जामिया के विजिटर की हैसियत से नई दिल्ली स्थित एनआईईपीएम में प्रोफेसर नजमा अख्तर को पांच साल के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया का यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त किया है।
चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद 3 यूनिवर्सिटी में कुलपति नियुक्त
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद तीन विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त कर दिए हैं। इनमें दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, मोतिहारी में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा में महात्मा गांधी अंर्तराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, नजमा अख्तर को जामिया का वीसी नियुक्त किया गया है जबकि मोतिहारी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए संजीव शर्मा और वर्धा के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के लिए रजनीश कुमार शुक्ला को वाइस चांसलर बनाया गया है। गौरतलब है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर के तौर पर राष्ट्रपति इन नामों को स्वीकृति देते हैं।
1920 में हुई जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना
केन्द्र सरकार ने जामिया के वीसी पद के लिए नजमा अख्तर के अलावा आईआईटी-दिल्ली के एसएम इश्तियाक, एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के महासचिव फुरकान कमर के नाम भी सलेक्ट किए थे। लेकिन अंतिम मुहर नजमा अख्तर के नाम पर लगी। इससे पहले जामिया की वाइस चांसलर मणिपुर की राज्यपाल नजपा हेपतुल्ला की थी। पिछले साल तलत अहमद के कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर जाने के बाद से जामिया में बिना कुलपति के काम हो रहा था। उल्लेखनीय है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना 1920 में की गई थी।
Read More: सालाना ₹8.5 लाख रुपये कमाने वाले कन्हैया कुमार ने खुद को बताया बेरोजगार
कौन है नजमा अख्तर?
नजमा अख्तर ने अपने शुरुआती करियर में स्टूडेंट के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। विश्वविद्यालय स्तर पर वह एक स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा छात्रवृत्ति भी अर्जित की। नजमा ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे वारविक और नॉटिंघम यूके और आईआईईपी पेरिस (यूनेस्को) में पढ़ाई की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शैक्षिक प्रशासक, नजमा अख्तर के पास एजुकेशनल लीडरशिप में चार दशक की एकेडमिक स्कॉलरशिप है। वह एनआईईपीए में 15 से अधिक वर्षों के लिए 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासकों के पाठ्यक्रम की खोज करने के लिए जानी जाती हैं।