हरिद्वार से अयोध्या जा रही कलश यात्रा का स्वागत करने के लिए यूं तो बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे, लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों ने स्वागत कर सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल पेश की। यात्रा का स्वागत करने के लिए महिलाएं ठीक दो बजे सीआरपीएफ गेट के पास हाईवे पर पहुंच गई थीं। ये सभी सड़क किनारे खड़े होकर यात्रा का इंतजार करती रहीं। किसी राजनैतिक दल से भी नहीं जुड़ी थीं।
पूछने पर महनाज बोलीं, हमें मोदी सरकार की नीतियां पसंद हैं। यह सरकार महिलाओं के लिए अच्छे काम कर रही है। सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर ही यात्रा का स्वागत करने यहां पहुंचीं हैं। सभी महिलाएं अपने हाथों में फूल लिए खड़ीं थीं। शाम चार बजे यात्रा पहुंची सो स्वागत के लिए सबसे आगे आ गईं और फूल बरसाने लगीं।इनमें महनाज जहां, अरिहा, तबस्सुम, सवा, फरहीन, नायला, नौरीन, सना, आरिफा, सायमा शहाना स्वयं सहायता समूह की रुखसार, सायमा, शमा, रानी आदि शामिल रहीं।
अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष फरहत अली खां, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक फैसल मुमताज, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी रऊफ अली पाशा, ग्राम प्रधान संगठन के जिला महासचिव काशिफ खां और सपा नेता आजम खां का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए फसाहत अली खां शानू समेत तमाम मुस्लिम नेताओं ने भी यात्रा पर फूल बरसाए। फरहत अली खां और फैसल मुमताज बोले, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया, यह अच्छी बात है। हम इसका स्वागत करते हैं।
रामपुर में बदल रही सोच
रामपुर में मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। यही कारण है कि यहां सांसद और विधायक भी ज्यादातर मुसलमान ही बनते रहे। आजादी के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में महान क्रांतिकारी मौलाना अबुल कलाम आजाद सांसद चुने गए और देश के पहले शिक्षा मंत्री बने।