समाज सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली मदर टेरेसा के अनमोल वचन

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Mother-Teresa-Biography

दुनियाभर में सेवा भावना की मिसाल कायम करने वाली मदर टेरेसा को भला कौन नहीं जानता है। मानव समाज में अविस्मरणीय योगदान की वजह से टेरेसा का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज़ हैं। मदर टेरेसा को एक ऐसी शख्सियत के रुप में याद किया जाता है, जिन्होंने दुनियाभर में सेवा भावना की एक अनूठी मिसाल कायम की। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीब, असहाय लोगों के लिए समर्पित कर दिया था। टेरेसा को उनके मानव सेवा कार्यों के लिए ‘भारत रत्न’, ‘नोबल शांति पुरस्कार’ समेत दुनियाभर के कई नामी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। ऐसी महान शख़्सियत मदर टेरेसा की आज 26 अगस्त को 113वीं जयंती है।

एक अल्बेनियाई परिवार में हुआ था जन्म

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को उत्तरी मैकेडोनिया गणराज्य की राजधानी स्कोप्ज़े में एक अल्बेनियाई कृषक दंपत्ति के घर हुआ था। उनका वास्तिवक नाम ‘अगनेस गोंझा बोयाजिजू’ था। अल्बेनियई जुबान में गोंझा का मतलब कली होता है, लेकिन इंसानियत की उस सबसे खूबसूरत कली का बचपन बेबसी में निकला था। आठ साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। टेरेसा ने महज 18 साल की उम्र में खुद को समाज सेवा से जोड़ लिया। समाज सेवकों में मदर टेरेसा का नाम हमेशा सर्वोपरि रहेगा। वे आज भले ही हमारे बीच में नहीं हैं, मगर उनके द्वारा दिए गए अनमोल वचन लोगों को आज भी प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। इस खास मौके पर पढ़िए उनके कुछ प्रेरणादायी अनमोल विचार…

01. प्रेम एक ऐसा फल है, जो हर मौसम में मिलता है और जिसे सभी पा सकते हैं।

02. यदि हमारे बीच कोई शांति नहीं है, तो वह इसलिए क्योंकि हम भूल गए हैं कि हम एकदूसरे से संबंधित हैं।

03. अकेलापन सबसे भयानक गरीबी है।

04. शांति की शुरुआत मुस्कराहट से होती है।

05. कई लोग हमारे कार्य को व्यवसाय मानते हैं लेकिन हमारा व्यवसाय यीशु का प्रेम है।

06. मैं चाहती हूँ कि आप अपने पड़ोसी के बारे में चिंतित रहें, क्या आप अपने पड़ोसी को जानते हो?

07. अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का पुल है।

08. छोटी चीजों में वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।

09. सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है।

10. बिना प्रेम के कार्य करना दासता है।

11. यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दूसरे के हैं।

12. हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के सामान है।

13. यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया, बल्कि यह है कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।

14. चलिए जब भी एक दूसरे से मिलें मुस्कान के साथ मिलें, यही प्रेम की शुरुआत है।

15. कल जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, चलिए शुरुआत करते हैं।

16. सादगी से जीएं ताकि दूसरे भी जी सकें।

17. उनमे से हर कोई किसी न किसी भेष में भगवान है।

18. आज के समाज की सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित रहने की भावना है।

19. यदि आप एक सौ लोगों को भोजन नहीं करा सकते हैं, तो सिर्फ एक को ही भोजन करवाएं।

20. प्रेम कभी कोई नाप-तोल नहीं करता, वो बस देता है।

21. अगर हमारे मन को शांति नहीं है तो इसकी कारण है कि हम यह भूल गये है कि हम एक-दूसरे के हैं।

22. यीशु ने कहा है की एक-दूसरे से प्रेम करो। उन्होंने यह नहीं कहा की समस्त संसार से प्रेम करो।

23. दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूँज की कोई सीमा नहीं।

24. हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के समान हैं।

25. खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।

26. मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करती, मैं सच्चाई के लिए करती हूं।

27. एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है।

28. मुझे लगता है कि हम लोगों का दुखी होना अच्छा है, मेरे लिए यह यीक्षु के चुंबन की तरह है।

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