हाल में हुए एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने वाले लोगों की तुलना में मोटापे से ग्रसित लोगों में कैंसर होने का खतरा कई गुना अधिक होता है। ब्रिटेन के कैंसर रिसर्च की ओर से कराए गए अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है। रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक ने बताया कि मोटापा 13 तरह के कैंसर का कारण बनता है।
शोध के अनुसार, ब्रिटेन के करीब एक तिहाई लोग मोटापे का शिकार हैं जबकि स्मोकिंग अब भी कैंसर के उन कारकों में शामिल हैं जिन्हें रोका जा सकता है। मोटापा, नियमित सिगरेट पीने से भी ज्यादा खतरनाक होता है और इसकी वजह से कैंसर होने का खतरा भी खासा बढ़ जाता है।
इस शोध के अनुसार प्रतिवर्ष ब्रिटेन में धूम्रपान की तुलना में आंत कैंसर के 1,900 से अधिक मामले सामने आए। इस बीमारी का बड़ा कारण लोगों में अधिक वजन रहा है। मोटापे की वजह से लोगों में किडनी का कैंसर, ओवरी का कैंसर और लिवर के कैंसर के मामले में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इस शोध में वैज्ञानिकों ने वर्ष 2017 के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। जिसके अनुसार इस शोध में शामिल 13.4 मिलियन (1.34 करोड़) धूम्रपान न करने वाले वयस्क लोग मोटे थे। साथ ही 6.3 मिलियन (63 लाख) ऐसे वयस्क लोग थे जो धूम्रपान करने वाले तो थे लेकिन मोटे नहीं थे। यही नहीं इस शोध में सामने आया है कि दस बच्चों में से एक बच्चा पांच साल की उम्र तक मोटा होता है। ऐसे पांच बच्चों में से एक बच्चे के मोटापे की उम्र 11 साल तक बढ़ जाती है। हालांकि इस अवधि में धूम्रपान करने वाले 15 लाख लोग मोटे भी पाए गए।
ब्रिटेन कैंसर रिसर्च की मुख्य अनुसंधानकर्ता मिशेल ने कहा कि ‘धूम्रपान की दर भले ही गिर रही हो लेकिन मोटापे की दर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिसका सीधा असर राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट के रूप से देख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, हमारे बच्चे आने वाले समय में धूम्रपान मुक्त पीढ़ी हो सकती है, लेकिन हमने बचपन के मोटापे के लिए एक विनाशकारी रिकॉर्ड बना लिया है। अब हमें इस महामारी को खत्म करने के लिए तुरंत सरकारी हस्तक्षेप की जरुरत है। उनके पास अभी भी जान बचाने का मौका है।