मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को नेगेटिव किया, आर्थिक संकट की आशंका

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भारत में आर्थिक विकास दर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शुक्रवार को क्रेडिट रेटिंग देने वाली एजेंसी मूडीज ने भारत को नेगेटिव रैंकिंग दी है। पहले भारत की क्रेडिट रेटिंग स्टेबल यानि स्थिर थी। बाजार में आई मंदी को देखते हुए इस आउटलुक में बदलाव किया गया है।

भारत में विदेशी निवेश कम हो सकता है: मूडीज

शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट देते हुए मूडीज ने कहा कि आर्थिक विकास दर में गिरावट के जोखिम को देखते हुए भारत के आउटलुक में बदलाव किए गए हैं। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो इसका मतलब ये है कि भविष्य में निवेश के नजरिए से भारत की रेटिंग घटाई जा सकती है।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि नेगेटिव क्रेडिट रेटिंग के बाद भारत में होने वाले विदेशी निवेश में नकारात्मक असर दिख सकता है। भारत में अभी बहुत सी विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं मगर इस रिपोर्ट के बाद स्थिति बदल सकती है।

चिंता की बात नहीं, अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत: भारत सरकार

मूडीज के ताजा आउटलुक पर सरकार ने कहा है कि चिंता की बात नहीं, अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है। सरकार ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ती इकोनोमी में शामिल है। सरकार का दावा है कि इकोनॉमी को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय और दूसरे सेक्टर्स में सुधार किए जा रहे हैं। आने वाले समय में इन सभी से निवेश बढ़ेगा। वहीं इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के ताजा अनुमान में भारत की जीडीपी ग्रोथ इस साल 6.1% और अगले साल 7% रहने की उम्मीद जताई गई है।

मूडीज ने बताया कि भारत के गांवों में आर्थिक रूप से तंगहाली देखने को मिल रही है। वहीं भारत में रोजगार के मौके  कम हो रहे हैं। नकदी के संकट से भारत में आर्थिक सुस्ती गहरा सकती है। मूडीज ने ये भी माना है कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनसे स्लोडाउन का समय और असर कम होना चाहिए।

मूडीज का कहना है कि नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में तेजी नहीं आई तो सरकार को बजट घाटा कम करने और कर्ज का बोझ बढ़ने से रोकने के मोर्चे पर बहुत दबाव झेलना पड़ेगा।

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