कुछ दिनों पहले कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक निगम अधिकारी की बैट से पिटाई कर रहे थे। आकाश की इस गुंडागर्दी ने एक अलग बहस छेड़ दी थी। हद तब थी जब आकाश और उनके पिता इसे गलत नहीं मान रहे थे। आकाश ने अपनी हरकत को जायज़ ठहराया था और कहा था, ‘पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दना दन’।
आकाश और उनके पिता कैलाश भले ही इस मामले पर बेवजह के तर्क देकर खुद को इससे बचाना चाह रहे हों लेकिन अब दोनों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आगे झुकना पड़ेगा। हम बात कर हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की। जब इस केस में इतना हंगामा हुआ तो मोदी के पास भी यह बात पहुंची और उन्होंने इस पर गुस्सा जाहिर किया। मोदी ने हाल ही इस पर साफ कहा, ‘किसी का भी बेटा हो, उसकी ये हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन लोगों ने स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहने का हक नहीं है। सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए।’
जाहिर है जब मोदी ने यह बात कही है तो आकाश और उनके पिता कैलाश यह समझ गए होेंगे कि उन्होंने किस तरह पार्टी की किरकिरी की है। साथ ही मोदी के यह सख्त शब्द उन सभी गुंडे नेताओं के लिए भी चेतावनी है जो सीट पर बैठने के बाद खुद को खुदा समझने लगते हैं।
गौरतलब है कि मारपीट के मामले में शनिवार को आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत से जमानत मिली थी। इसके बाद वह रविवार को इंदौर जेल से रिहा हो गए थे। इस दौरान आकाश ने कहा था, ‘मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे। अब गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश करूंगा।’
ये हुआ था 26 जून को
26 जून को निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान आकाश वहां आए और टीम को बगैर कार्रवाई के लिए जाने के लिए कहा। लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी, इस पर आकाश ने बैट से अधिकारी की पिटाई कर दी थी।