नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य में विकास के लिए कई अहम फ़ैसले किए हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अब सरकार ने सात आयोग खत्म करने का फ़ैसला किया है। केन्द्र सरकार ने जिन आयोग को खत्म करने का फैसला किया है उनमें मानवाधिकार आयोग महिला एवं बाल विकास आयोग और सूचना आयोग को भी शामिल किया गया है। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 31 अक्टूबर, 2019 से सभी नए कानून लागू हो जाएंगे। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में लागू कानून भी जेएंडके में लागू माने जाएंगे।
मुख्यधारा में वापस लाने के लिए किया फैसला
जम्मू-कश्मीर राज्य में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से जो कानून लागू नहीं होते थे, वह अब यहां लागू किए जा सकेंगे। नरेन्द्र मोदी सरकार ने नई व्यवस्था के तहत जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में वापस लाने और राज्य के विकास के लिए कई बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। सरकार के नए फैसलों के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को सात आयोग खत्म करने का आदेश भी जारी कर दिए हैं।
एजेंसी न्यूज और मीडिया खबरों के मुताबिक, सरकार ने जिन सात आयोग को खत्म करने का फैसला किया है, उनमें जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग, राज्य सूचना आयोग, महिला एवं बाल विकास आयोग, राज्य पारदर्शिता आयोग, राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग, दिव्यांग जनों के लिए बना आयोग और राज्य विद्युत नियामक आयोग शामिल हैं।
दिवाली स्पेशल: डायबिटीज पीड़ित ये डिश खाकर ब्लड शुगर पर रखें कंट्रोल
31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा जम्मू-कश्मीर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर को आर्टिकल 370 एवं 35ए के तहत मिले विशेष स्टेट्स को हटाने के बाद सरकार ने इसे केन्द्र शासित राज्य घोषित किया। जबकि लेह एवं लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर यूनियन टेरीटरी बनाया। अब 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण केन्द्र शासित प्रदेश बन जाएगा। ऐसे में वहां पर केन्द्र सरकार की ओर से तय कानून लागू होंगे। जम्मू-कश्मीर में जिन सात आयोग को खत्म किया गया है वह केन्द्र के अधीन होंगे। अब वहां केन्द्र सरकार की ओर से तय किए गए नियमों के आधार पर काम होगा।