केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में भारी हंगामे के बीच वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लिए एक पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के तहत प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 3.50 लाख रुपये व घायलों को 1.25 लाख रुपये बतौर सहायता राशि दिए जाएंगे। बता दें कि यह पैकेज अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने पेश किया। इस पुनर्वास पैकेज में मृतकों की विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2500 रुपये मासिक पेंशन देने का राज्य सरकार के लिए प्रावधान भी किया गया है। जानकारी के अनुसार, मृतकों के आश्रितों को यह पेंशन जीवनभर मिलेगी। पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य की सरकार उठाएगी।
बढ़ी हुई सहायता राशि राज्य व यूटी निजी फंड से देंगे
मालूम हो कि इससे पहले साल 2014 में भी केंद्र सरकार ने सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितों को दी जाने वाली राहत को बढ़ाकर पांच-पांच लाख रुपये करने की योजना पेश की थी। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 84 के सिख दंगा पीड़ितों को बढ़ी हुई राहत राशि देने के लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा है कि बढ़ी हुई सहायता राशि राज्य व केंद्र शासित प्रदेश अपने निजी फंड से अदा करेंगे। बाद में उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संबंधित राज्यों को वापस लौटाई जाएगी। इसके लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को उपयोग प्रमाण-पत्र पेश करना अनिवार्य होगा।
पेगासस मामले में दोनों सदनों में हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित
पेगासस सॉफ्टवेयर जासूसी मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में गुरुवार को भी जमकर हंगामा जारी रहा। इसी बीच केंद्र सरकार ने आवश्यक विधायी कार्य जारी रखे। ऐसे में बीच-बीच में कार्यवाही भी स्थगित होती रही। हंगामे को देखते हुए आखिर में राज्यसभा करीब चार बजे 6 अगस्त तक के लिए और लोकसभा की कार्यवाही शाम पांच बजे तक स्थगित की गई। इसके बाद बैठक फिर शुरू हुई लेकिन फिर हंगामा होने लगा। इस पर पीठासीन अधिकारी ने एलएस की कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।
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