केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए सरकार ने 1523 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे अगले पांच सालों में इन बलों के लिए अत्याधुनिक हथियार खरीदे जाएंगे और इनका आईटी ढांचे का सुधार होगा। सशस्त्र केंद्रीय बलों में सीआरपीएफ व बीएसएफ भी शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीएपीएफ की आधुनिकीकरण योजना-4 लागू करने से इन बलों की दक्षता बढ़ाने और तैयारियों में सुधार लाने में मदद मिलेगी। इससे देश का आंतरिक सुरक्षा तंत्र मजबूत होगा।
31 मार्च, 2026 तक योजना जारी रखेगा गृह मंत्रालय
1,523 करोड़ रुपये की लागत वाली सीएपीएफ आधुनिकीकरण योजना-4 को गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर 1 फरवरी, 2022 से 31 मार्च, 2026 तक गृह मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा, एलओसी, एलएसी के साथ-साथ नक्सवाद से प्रभावित क्षेत्रों, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करने की सरकार की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
इन क्षेत्रों में होती हैं केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती
सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स शामिल हैं। सीआरपीएफ को ज्यादातर आंतरिक सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने के लिए तैनात किया जाता है। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारत की सीमा की रक्षा करता है। इसके अलावा यह आंतरिक सुरक्षा भी करता है। इसी तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) परमाणु संयंत्रों, हवाई अड्डों और मेट्रो नेटवर्क जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है, जबकि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करती है।