प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 59 हजार करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना से पांच साल में चार करोड़ एससी (अनुसूचित जाति) छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। यह जानकारी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद आयोजित की गई प्रेस वार्ता में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसमें 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी और बाकी की राशि राज्य सरकारें वहन करेंगी।
अनुसूचित जाति वर्ग के 4 करोड़ से अधिक छात्रों को होगा लाभ
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बताया कि इसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और शेष 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के चार करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) की केंद्र प्रायोजित योजना को बड़े परिवर्तनों के साथ मंजूरी दी गई है, ताकि विद्यार्थी अपनी उच्चतम शिक्षा को आसानी और सफलतापूर्वक पूरी कर सकें।
एससी वर्ग के युवाओं की शिक्षा तक बेहतर पहुंच हो सकेगी: पीएम मोदी
इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले से एससी वर्ग के युवाओं की शिक्षा तक बेहतर पहुंच हो सकेगी। उन्होंने अपनी एक ट्वीट पोस्ट में लिखा, ‘पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को लेकर आज लिया गया केंद्रीय कैबिनेट का फैसला एससी समुदाय के युवा छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगा। देश के युवाओं को उच्च गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा मुहैया कराना हमारी सरकार का एक महत्वपूर्ण संकल्प है।’
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Today’s Cabinet decision on post-matric scholarship will ensure greater educational access to youngsters belonging to SC communities. Ensuring top quality and affordable education to our youth is an important focus area for our Government. https://t.co/JHBBhEZOM8
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2020