प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा फैसला लेते हुए आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को अनुमति दे दी। जानकारी के अनुसार, भारत के नौ मित्र देशों ने DRDO द्वारा विकसित आकाश मिसाइल का अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई है। ये देश दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका के हैं। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से अनुमति मिलने के बाद रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई इन देशों को इस हथियार प्रणाली का निर्यात करने के अवसरों की तलाश करेंगी।
निर्यात को सुगम बनाने के लिए समिति का गठित होगा
केंद्रीय कैबिनेट की अनुमति मिलने के साथ ही आकाश मिसाइल के निर्यात को तेजी से सुगम बनाने के लिए एक समिति गठित करने का भी निर्णय किया गया। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, आत्मनिर्भर भारत के तहत देश रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के व्यापक प्रारूपों के निर्माण की क्षमता बढ़ा रहा है। आपको जानकरी के लिए बता दें कि निर्यात की जाने वाली आकाश मिसाइलें भारतीय सुरक्षाबलों के पास मौजूद मिसाइलों से थोडी अलग होंगी।
निर्यात किए जाने वाला संस्करण अलग होगाः रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आकाश मिसाइल का निर्यात किया जाने वाला संस्करण वर्तमान में भारतीय सुरक्षा बलों के पास मौजूद मिसाइल से अलग होगा। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘आकाश देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है और यह 96 प्रतिशत स्वदेशी प्रकृति की है। आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है और इसकी क्षमता 25 किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि आकाश का निर्यात प्रारूप वर्तमान में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साथ तैनात प्रणाली से अलग होगा।’ गौरतलब है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत डिफेंस के क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाने का फैसला पहले ही ले लिया था।
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Akash is country’s important missile with over 96 percent indigenisation. Akash is a Surface to Air Missile with a range of 25 Kms.
The export version of Akash will be different from System currently deployed with Indian Armed Forces.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) December 30, 2020