रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति से संबंधित तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी है। सीडीएस की नियुक्ति के लिए सरकार उन अधिकारियों पर विचार कर सकती है जो लेफ्टिनेंट जनरल समकक्ष या जनरल समकक्ष के रूप में सेवा दे रहे हैं। या ऐसे अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए हैं।
25 मई को केंद्र सरकार ने मांगे थे अधिकारियों के नाम
25 मई को केंद्र सरकार ने सेना, नौसेना और वायुसेना से वरिष्ठ सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के नाम मांगे थे। सरकार ने यह कदम नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की चल रही प्रक्रिया के बीच में उठाया। सरकारी सूत्रों ने बताया था कि रक्षा मंत्रालय ने तीनों बलों से सेवारत प्रमुखों समेत शीर्ष पांच सेवारत अधिकारियों के साथ सेवानिवृत्त प्रमुखों और कमांडर-इन-चीफ रैंक के अधिकारियों के नाम मांगे। सेवा मुख्यालय को केवल उन अधिकारियों के नाम देने को कहा गया था जो जनवरी 2020 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं।
जनरल रावत के निधन के बाद से खाली है पद
नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति काफी समय से लंबित है। यह पद पिछले साल 8 दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के एक विमान हादसे में निधन के बाद से खाली है। 2019 में दोबारा केंद्र की सत्ता में आने के छह महीने के अंदर ही मोदी सरकार ने सीडीएस की नियुक्ति की थी। इसे देश के उच्च सैन्य ढांचे में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना गया था। सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर की गई थी। सीडीएस एकीकृत रक्षा स्टाफ का प्रमुख भी होता है जिसका नेतृत्व वर्तमान में वायुसेना का तीन स्टार अधिकारी कर रहा है।
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