कोलकाता में पानी के अंदर दौड़ने वाली मेट्रो का शुभारंभ हो गया है और 14 फरवरी वेलेंटाइन डे के दिन से आम जनता को इसमें प्रवेश दिया गया है। पानी में दौड़ने वाली देश की यह पहली मेट्रो होगी जिसमें लोग रोमांचक यात्रा का अनुभव ले पाएंगे। किस तरह इसका हुआ निर्माण और कैसे होगी यात्रा, जानिये इस बारे में विस्तार से-
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया उद्घाटन
कोलकाता मेट्रो रेल सेवा भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीन रहती है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश की पहली इस अंडर ग्राउंड मेट्रो रेल सेवा का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरीडोर के इस पहले चरण को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू की जन्मतिथि के मौके पर उन्हें समर्पित किया जाता है।
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हुगली नदी के अंदर चलेगी
लगभग 16 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में कोलकाता में यह मेट्रो हुगली नदी के अंदर चलेगी और कोलकाता को हावड़ा से जोड़ेगी। इसमें रोज करीब 10 लाख यात्रियों के सफर करने का अनुमान है। इसके लिए अप व डाउन लाइन के लिए दो सुरंगे भी बनाई गई हैं। पहले चरण में ट्रेन साल्ट लेक सेक्टर पांच से साल्ट लेक स्टेडियम तक ही दौड़ेगी।
80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार, मजबूत सुरक्षा कवच
नदी के अंदर सुरंग में चलने वाली इस मेट्रो की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे है। पानी के अंदर होने की वजह से इसकी सुरक्षा के लिए भी कडे प्रबंध किए गए हैं। टनल को पानी के रिसाव से बचाने के लिए 3 स्तर के सुरक्षा कवच का उपयोग किया गया है। टनल की मोटाई लगभग 250 मिलीमीटर है।
कोलकाता में 1984 में शुरू हुई थी
भारत में सबसे पहली मेट्रो सेवा कोलकाता में ही 1984 में शुरू हुई थी और एक बार दुबारा कोलकाता में सन 2020 में पानी के अंदर मेट्रो चलने का इतिहास बन गया है। इसके अलावा खास बात यह है कि इसमें देश का सबसे सस्ता मेट्रो सफर होगा। इसमें एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक का किराया सिर्फ 5 रुपये ही होगा। इसमें कई तरह की सुविधाएं भी होंगी।