फीस के नाम पर करोड़ों रुपए ले रहे मेडिकल कॉलेज लेकिन पैकेज दिलवाने के मामले में हैं फिसड्डी

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कैसा लगे जब आप करोड़ों रुपए खर्च करके कोई प्रोफेशनल कोर्स करें और प्लेसमेंट के दौरान आपको 50 हजार रुपए की नौकरी मिले। जी हां, ऐसा ही हो रहा है देश के कई डीम्ड मेडिकल कॉलेजों में जहां एमबीबीएस के पाठ्यक्रम की फीस करीब एक करोड़ रुपए वसूली जाती है और प्लेसमेंट में छात्रों को 50 हजार मासिक वेतन दिया जाता है। खबरों के मुताबिक एक डीम्ड मेडिकल कॉलेज के अलावा किसी भी कॉलेज में औसत प्लेसमेंट छह लाख रुपये से अधिक नहीं दिया जा रहा है। यह प्लेसमेंट के आंकड़े खुद इन्हीें कॉलेजों ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए किए गए आवेदनों में दिए हैं।

डॉक्टर बनने के लिए एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कितने ही स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं और कितनों का सपना दिनोंदिन खर्चीली होती एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ टूट जाता है। पहले सलेक्शन के लिए महंगी कोचिंग करना और फिर किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन न हो तो किसी महंगी डीम्ड मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए महंगी फीस देना, तब जाकर डॉक्टर बनते हैं। ऐसे में ये आंकड़े एमबीबीएस करने छात्रों में निराशा का भाव पैदा कर सकते है।

इन मेडिकल कॉलेजों की फीस है लाखों रुपए सालाना

चेन्नई स्थित एसआरएम मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस कोर्स कराने के लिए एक वर्ष की फीस 22.5 लाख रुपए लेती है। इस कॉलेज से एमबीबीएस कोर्स कर चुके 85 छात्रों के बैच में से 70 छात्रों का अलग-अलग अस्पतालों में प्लेसमेंट हुआ। उन्हें साढ़े तीन लाख का औसत सालाना वेतन ऑफर किया गया यानि तीस हजार रुपए प्रतिमाह से भी कम। वहीं, संस्थान के 15 छात्रों ने आगे की पढ़ाई के लिए पीजी में नामांकन कराया।

इसी प्रकार चेन्नई की ही सविता मेडिकल कॉलेज भी डॉक्टर बनाने के लिए 22 लाख रुपए सालाना वसूलती है। इसमें 87 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ। इन्हें चार लाख बीस हजार रुपए सालाना का पैकेज मिला।

डीम्ड कॉलेजों में सबसे अधिक पैकेज दिलाने के मामले में पुणे स्थित डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज अव्वल रहा, यहां के छात्रों को सात लाख रुपए का औसत पैकेज मिला। यह कॉलेज एमबीबीएस के लिए देश के सबसे महंगे संस्थानों में से एक माना जाता है।

अन्य राज्यों में जाने के इच्छुक नहीं है छात्र

डीम्ड मेडिकल कॉलेज्स में महंगी फीस और कम पैकेज मिलने के कारणों पर टिप्पणी देते हुए पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. अनंत भान ने कहा कि संभवत: ज्यादातर छात्र शहर से बाहर प्लेसमेंट के लिए जाना नहीं चाहते हैं।
वहीं, बड़े शहरों में खासकर दक्षिण भारत के शहरों में डॉक्टर्स की काफी अधिक है, ऐसे में कई संस्थान एमबीबीएस किए छात्रों को इतना कम पैकेज ऑफर किया जा रहा है। उन्होंने संस्था और छात्रों के हित में सलाह देते हुए कहा कि इन मेडिकल संस्थानों को अपने छात्रों को उन स्थानों पर नौकरी के लिए प्रेरित करना चाहिए, जहां डॉक्टर्स की अत्यधिक कमी है। इससे डॉक्टर्स को अच्छा पैकेज मिलेगा और उनके पास सीखने का मौका भी अधिक होगा।

इस प्रकार रही डीम्ड कॉलेजों की सालाना फीस और छात्रों को मिलने वाला पैकेज

डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, पुणे प्लेसमेंट के अंतर्गत सबसे अधिक पैकेज दिलाने वाली कॉलेज रही। इसकी सालाना फीस 22 लाख रुपए हैं, वहीं यहां से पास छात्रों का सालाना पैकेज सात लाख रुपए का रहा। इसमें से 153 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ।

श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई की सालाना फीस 22 लाख रुपए हैं, वहीं यहां से पास छात्रों का सालाना पैकेज 4.97 लाख रुपए का रहा।

एसआरएम मेडिकल कॉलेज, कांचीपुरम की सालाना फीस 22 लाख 50 हजार रुपए हैं, वहीं यहां से पास छात्रों का सालाना पैकेज साढ़े तीन लाख रुपए का रहा।

सविता मेडिकल कॉलेज, चेन्नई की सालाना फीस 22 लाख रुपए है, वहीं यहां से पास छात्रों का सालाना पैकेज 4.2 लाख रुपए का रहा।

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