बड़े-बुजुर्ग कहते हैं ना कि इंसान की मेहनत कभी जाया नहीं होती, सही कहते हैं। अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति पूरी ईमानदारी के साथ कठिन परिश्रम कर रहे हैं तो इसका एक दिन फल मिलना तय है। हां.. अक्सर सफलता के लिए धैर्य की परीक्षा होती है। कई बार सफलता इतनी जल्दी मिल जाती है कि इंसान खुद आश्चर्य में पड़ जाता है। जब बात टीम क्रिकेट इंडिया की हो तो बहुत ही कम समय में जगह बनाना आसान नहीं है। 135 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में क्रिकेट के प्रति दीवानगी जगज़ाहिर है। यही कारण है कि यहां क्रिकेट देखने वालों के साथ ही क्रिकेट खेेलने वालों की भी बड़ी तादाद है। हाल ही में पंजाब के रहने वाले एक युवा क्रिकेटर का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ है। इनका नाम है मयंक मारकंडे। आइए जानते हैं इस युवा क्रिकेटर के बारे में सब कुछ…
भारत Vs ऑस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज के लिए हुआ मयंक का चयन
भारत वर्सेज आॅस्ट्रेलिया के बीच 24 फरवरी से शुरू होने वाली दो मैचों की टी-20 सीरीज के लिए पंजाब के युवा क्रिकेटर मयंक मारकंडे को टीम इंडिया में शामिल किया गया है। मयंक का बतौर लेग स्पिनर कुलदीप यादव की जगह टीम में चयन हुआ है। टी-20 सीरीज का पहला मैच 24 फरवरी को विशाखापट्टनम में खेला जाएगा। जबकि दूसरा मैच 27 फरवरी को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरू में होगा। मयंक मारकंडे ने हाल ही में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ 31 रन पर पांच विकेट लेकर इंडिया-ए की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। मयंक के इस शानदार प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। अब उन्हें आगामी टी-20 सीरीज में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।
मुझे ऐसी कॉल की उम्मीद नहीं थी, मैं अब भी हैरान हूं: मयंक
टीम इंडिया में चयन के बाद मयंक मारकंडे ने बताया कि शुक्रवार को आई एक कॉल ने उनकी जिंदगी बदल दी। उनका भारतीय टीम में चयन हुआ तो पहले तो उन्हें इस बात का विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन अगले कुछ ही पलों में उनके मोबाइल पर धड़ाधड़ 300 मैसेज आ गए और 42 मिस्डकॉल थे। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मत पूछो। मैं उस वक्त होटल में था और मेरा फोन बजने लगा। मुझे ऐसी कॉल की उम्मीद नहीं थी। मैं अब भी हैरान हूं। मैं इस पल को जिंदगीभर नहीं भूलूंगा। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक होने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन मेरी कोशिश होगी कि मैं मैदान पर अपना सौ प्रतिशत दूं।’
मयंक का अब तक का करियर और प्रदर्शन
मयंक मारकंडे ने बतौर प्रोफेशनल क्रिकेटर अपने करियर की शुरूआत 2013-14 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी अंडर-16 से की थी। पंजाब की ओर से खेलते हुए उन्होंने 7 मैचों में 29 विकेट चटकाए थे। इसके बाद पंजाब के 21 वर्षीय गेंदबाज ने घरेलू क्रिकेट में अब तक सात प्रथम श्रेणी मैचों में 34 विकेट लिए हैं। इसके अलावा 22 लिस्ट-ए मैचों में 45 और 18 टी-20 मैच में 20 विकेट चटकाए हैं। प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने तीन बार 5 विकेट लिए हैं। मयंक आईपीएल 2018 में मुंबई इंडियंस हिस्सा बने थे जहां उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया।
2018 की आईपीएल नीलामी में मुंबई इंडियंस ने मयंक मारकंडे को 20 लाख रूपए में खरीदा था। उन्होंने अपने आईपीएल डेब्यू में भारतीय पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को आउट कर सुर्खियां बटोरी थीं। आईपीएल के 15 महीने बाद मयंक की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई। उन्होंने आईपीएल के 14 मैचों में 15 विकेट लिए हैं। अपने डेब्यू मैच में मयंक ने सीएसके के खिलाफ 4 ओवर में मात्र 23 रन देते हुए 3 विकेट झटके थे। इसके बाद ही उनका पंजाब की ओर से लिस्ट-ए और रणजी ट्रॉफी में डेब्यू हुआ।
कभी तेज़ गेंदबाज हुआ करते थे मयंक, कोच की सलाह से स्पिनर बने
अपने करियर की शुरूआत में अंडर-14 खेलने के दौरान मयंक तेज़ गेंदबाज हुआ करते थे। लेकिन अपने कोच मुनीष बाली की सलाह पर वे स्पिनर बन गए। मयंक ने बताया बाली सर ने मुझे कहा कि तेज गेंदबाज बनाने का ख़्वाब छोड़ दो। मेरी फिजीक भी अच्छी नहीं थी और उनकी ये बात मेरे लिए आशीर्वाद साबित हुई। आज अपनी फिरकी से दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाज को चकमा देने वाले मयंक अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने कोच मुनीष बाली को देते हैं।
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8 वर्ष की उम्र में ज्वॉइन की अकेडमी, डॉक्टर बनाना चाहते थे पिता
मयंक का जन्म 11 नवम्बर, 1997 को पंजाब के भटिंडा में हुआ था। उनके पिता का नाम विक्रम शर्मा और माता का नाम संदीप शर्मा है। मयंक के पिता सरकारी सेवा में है और इनकी मां एक बुटिक चलाती हैं। मयंक मारकंडे का बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव था। मयंक को इनके पिता ने 8 वर्ष की उम्र में अकेडमी में प्रवेश दिया दिया था। इनके पिता इन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। मेडिकल लाइन में आने के बाद मयंक के पास प्रैक्टिस के लिए ज्यादा समय नहीं बचता। इसलिए इनके पिता ने कोच की सलाह मानते हुए इनका आगे क्रिकेट खेलना जारी रखा। अपने बेटे का टीम इंडिया में चयन होने पर पिता विक्रम शर्मा ने उनकी सलाह के लिए सबसे पहले कोच को फोन कर धन्यवाद जताया।