राजस्थान में सरकार बदलते ही तुरंत ही बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल हुआ जिसमें कुछ युवा आईएएस अधिकारियों को कलेक्टर जैसे बड़े पदों पर बैठाया गया है। राजस्थान के 4 जिलों में दो कपल्स को कलेक्टर बनाया गया है जो जीवनसाथी हैं। आईएएस अफसर इंद्रजीत सिंह और उनकी पत्नी नेहा गिरी एवं सिद्धार्थ सिहाग और रुक्मणि रियार को अलग—अलग जिलों में कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया है। बात करें इंद्रजीत सिंह और उनकी पत्नी नेहा गिरी की तो इंद्रजीत को अलवर जिला कलेक्टर का पदभार सौंपा गया है वहीं उनकी पत्नी नेहा धौलपुर कलेक्टर के रूप में काम करेंगी। आईएएस अफसर सिद्धार्थ सिहाग झालावाड़ के कलेक्टर बने हैं और उनकी पत्नी रुक्मणि को बूंदी का कलेक्टर बनाया गया है।इन जोड़ों के बैकग्राउंड की बात करें तो इंद्रजीत इससे पहले चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर जिला कलेक्टर के रूप में कार्य कर चुके हैं वहीं उनकी पत्नी नेहा गिरी ने बूंदी और प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर का पदभार संभाला था।
बात करें दूसरे जोड़े की तो झालावाड़ के नए कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग पहली बार कलेक्टर बनने जा रहे हैं वहीं उनकी पत्नी रुक्मणि भी पहली बार ही कलेक्टर का जिम्मा संभालेंगी। मूलत: चंडीगढ़ की रहने वाली रुक्मणि 2011 बैच की आईएएस हैं जिन्होंने उस साल यूपीएससी परीक्षा में टॉप करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था। रुक्मणि के पति सिद्धार्थ 2012 बैच के आईएएस है जो मूलत हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं।
ब्यूरोक्रेसी में युवाओं को तरजीह
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुर्सी संभालते ही राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी की रूपरेखा बदलते हुए युवाओं को तरजीह दी है। गहलोत सरकार में ज्यादातर युवाओं को अफसर बनाया गया है जिनमें उन्हें कलेक्टर जैसे पद सौंपे गए। नए कलेक्टर भी फौरन एक्शन में आ गए और कई जिलों में तो कलेक्टर पैदल ही सर्द रात में शहरों का दौरा करने निकल पड़े।