हाल ही में पेश किए गए बजट में पर्यटन स्थलों को जोडने के उद्देश्य से निजी ट्रेन चलाने की घोषणा के बाद अब टाटा,अडानी व हुंडई जैसी बडी कंपनियों की ट्रेन पटरियों पर दौडती हुई देखने को मिल सकती है। टाटा,अडानी, हुंडई समेत कई दिग्गज निजी कंपनियों ने भारत में कई महत्वपूर्ण रूट पर ट्रेन चलाने में अपनी रूचि दिखाई है।
दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों ने दिखाई रूचि –
गत 1 फरवरी को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस एक्सप्रेस सहित निजी ट्रेनों को चलाने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार देश में कई महत्वपूर्ण रूटों पर लगभग 150 निजी ट्रेन चलाना चाहती है इसलिए टाटा,अडानी, हुंडई समेत कई दिग्गज निजी कंपनियों ने ट्रेन चलाने में अपनी रूचि दिखाई है।
इन महत्वपूर्ण रूट पर चल सकती हैं ट्रेन-
सरकार की देश में 100 रूट पर 150 निजी ट्रेन संचालित करने की योजना के तहत माना जा रहा है कि नई दिल्ली से मुंबई,नई दिल्ली से चेन्नई व नई दिल्ली से हावड़ा जैसे बडे रूट पर ये ट्रेन अपना सफर तय करेंगी। इन रूटों को सरकार ने कलस्टर में बांटा है।
इतनी रहेगी स्पीड व किराया-
रूटों पर प्राइवेट ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेंगी और किराया तय करने का अधिकार भी कंपनियों के पास ही होगा लेकिन अगर ट्रेन लेट होती हैं तो यात्रियों को मुआवजा भी देना पडेगा।
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प्राइवेट ट्रेन चलाने से यह मिलेगा फायदा-
देश में प्रमुख रेलमार्गों पर निजी ट्रेन चलाने की घोषणा से लोगों में खुशी भी है। दरअसल ट्रेनों में काफी वेटिंग लिस्ट से यात्रियों में निराशा रहती है और ट्रेनों की संख्या बढने से वेटिंग लिस्ट की समस्या से छुटकारा मिलने लगेगा।
- रेलवे की सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार भी होगा व यात्रियों को सफर में बेहतर सेवाएं मिलने लगेंगी।
- निजी ट्रेन में सफर करने से यात्री कम समय में ही अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे और समय की बचत होगी।