पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। तिवारी ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के कुछ समय पहले ही तृणमूल कांग्रेस यानि टीएमसी का ज्वॉइन की थी। चुनाव में पार्टी ने उनको शिबपुर विधानसभा सीट टिकट दिया और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी हावड़ा के पूर्व मेयर और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रथिन चक्रवर्ती को हराया। उनके इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तिवारी को राज्य मंत्री बनाया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ मनोज तिवारी को राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई। बता दें कि पश्चिम बंगाल से क्रिकेट खेलने वाले तिवारी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। उन्होंने कुछ मैचों में देश का भी प्रतिनिधित्व किया था।
प्रतापगढ़ के सकरा गांव के निवासी हैं तिवारी
पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले स्थित मंगरौरा ब्लॉक के सकरा गांव के निवासी हैं, लेकिन उनका बचपन हावड़ा की गलियों में बीता। काफी समय पहले उनके दादा व्यापार करने कोलकाता गए थे, जहां पर मनोज तिवारी के पिता ने भी उनका हाथ बंटाया। वहीं, मनोज ने अपने कॅरियर के रूप में क्रिकेट को चुना था और एमएस धोनी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेला। हाल में क्रिकेट से दूर होने के बाद वह पहला चुनाव लड़े और इसके बाद अब ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया है। मनोज तिवारी अपने पहले ही चुनाव में 32,339 वोटों से विजयी हुए हैं। उनके परिवार में पत्नी सुष्मिता रॉय, बेटा युवान, पिता श्यामशंकर तिवारी, मां बीना, छोटे भाई राजकुमार व महेश के साथ कोलकाता में ही रहते हैं।
ऐसा रहा मनोज तिवारी का क्रिकेट कॅरियर
पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने सत्र 2006-07 में रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.50 की औसत से 796 रन बनाए थे और टीम इंडिया के सिलेक्टर्स को अपनी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया था। इसकी वजह से उन्हें बांग्लादेश के दौरे के लिए भारतीय टीम में जगह दी गयी थी। वह आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेले। इसके बाद साल 2011 में उनको कोलकाता नाइट राइडर्स ने खरीदा। 5 वर्ष केकेआर के लिए खेलने के बाद साल 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने उनको टीम में जगह दी थी। साल 2018 में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने टीम में शामिल किया था।
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