बॉलीवुड में मन्ना डे गुजरे जमाने के उन प्लेबैक सिंगर्स में से एक माने जाते रहे हैं, जिन्होंने अपनी कमाल की गायकी से हिंदी गानों को एक अलग पहचान दिलाई। मन्ना ने कई भाषाओं में हजारों गानों में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरा। उन्होंने हिंदी, बंगाली समेत कई भाषाओं में 4000 से ज्यादा गाने गाए। 1 मई को मन्ना डे की 104वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस खास अवसर पर सुनिए उनके कुछ बेहतरीन नगमें…
कोलकाता में हुआ था मन्ना का जन्म
मशहूर पार्श्वगायक मन्ना डे का जन्म 1 मई, 1919 को कोलकाता में महामाया और पूर्ण चंद्र डे के घर में हुआ था। उन्होंने फिल्म ‘तमन्ना’ से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। डे ने अपने गायन करियर में ‘हंसने की चाह ने इतना मुझे रुलाया है’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली हाय’, ‘लागा चुनरी में दाग’, ‘फूल गेंदवा ना मारो’, ‘कौन आया मेरे मन के द्वारे’, ‘तू प्यार का सागर है’, ‘ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं’, ‘आजा सनम मधुर चांदनी में हम’….जैसे कई सदाबहार गाने गाए, जिन्हें आज भी हर उम्र के लोग गुनगुनाना पसंद करते हैं।
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे…
यह गाना साल 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ का है। इस गाने को मन्ना डे और किशोर कुमार ने बेहद खूबसूरती से गाया है। दोस्ती की मिसाल देने वाले इस गाने की लोकप्रियता आज भी बरकरार है।
जिंदगी कैसी है पहेली…
यह गाना साल 1971 में आई फिल्म ‘आनंद’ का है, जिसमें राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने स्क्रीन साझा की थी। यह गाना आज भी लोगों की जुबान पर छाया हुआ है।
एक चतुर नार…
यह गाना साल 1968 में आई फिल्म ‘पड़ोसन’ से है। इस गाने को मन्ना डे ने किशोर कुमार के साथ मिलकर आवाज दी है।
ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं…
यह गाना साल 1965 में आई फिल्म ‘वक्त’ का है, जो बॉलीवुड के बेहतरीन गानों में से एक है।
प्यार हुआ इकरार हुआ है…
फिल्म ‘श्री 420’ के इस गाने में मन्ना डे और लता मंगेशकर ने आवाज दी थी। फिल्म के इस गाने को नरगिस और राज कपूर पर फिल्माया गया था।
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