मालवथ पूर्णा बनीं अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही

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Poorna Malavath

भारत की मालवथ पूर्णा पहली आदिवासी महिला है जिसने साल 2019 की समाप्ति से पहले अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विंसन मासिफ (4,987 मीटर) को फतेह कर किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली पूर्णा की उम्र महज 18 साल है। वह ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं।

बता दें कि मालवथ पूर्णा जब 13 साल 11 महीने की थी तब उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया। इसके साथ वह यह उपलब्धि पाने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई।

तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन सोसायटी (टीएसडब्ल्यूआरइआईएस) ने सोमवार को जानकारी दी कि अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन मासिफ पर विजय पूर्णा के लिए एक ऐसी उपलब्धि है, जिसकी प्रशंसा शब्दों में नहीं की जा सकती। खबरों के मुताबिक, पूर्णा दुनिया की पहली और सबसे कम उम्र की आदिवासी महिला बन गई, जिसने छह महाद्वीपों की छह सबसे ऊंची पर्वत चोटियों को फतह कर लिया है।

छह महाद्वीपों के सबसे ऊंचे पर्वतों का किया फतह

मालवथ पूर्णा अब तक छह महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों को फतह किया है। उनके इस मिशन में एवरेस्ट (एशिया, वर्ष 2014), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका, 2016), माउंट एल्ब्रस (यूरोप, 2017), माउंट अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका, 2019) माउंट कारस्टेंसज (ओशिनिया क्षेत्र, 2019) और माउंट विंसन मासिफ (अंटार्कटिका, 2019) हैं। पूर्णा का अगला लक्ष्य माउंट डेनाली को फतह करना है, जो उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है और यकीनन दुनिया के हर पर्वतारोही का सपना है।

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