नित नए आविष्कार कर ज़िंदगी को आसान बनाने वाले इंसान के सामने कोरोना वायरस एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। पूरी दुनिया इस बात को मान रही है कि इस वायरस का असर लंबे समय तक रह सकता है। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख डॉ. माइकल रयान ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा, ‘संभवत: यह वायरस कभी न जाए’। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश को संबोधित करने के दौरान यह कह चुके हैं कि लोगों को कोरोना के साथ ही जीना पड़ेगा। इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार लॉकडाउन 4.0 के बाद अपने 75 मंत्रालयों और विभागों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ यानी घर से काम करने की नई परंपरा की शुरूआत करने जा रही है।
इस तरह से वर्क फ्रॉम होम करेंगे मंत्रालय
जानकारी के अनुसार, शुरुआत में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अफसर ई-ऑफिस योजना में शामिल होंगे। बाद में एचओडी अपने सेक्शन अफसरों को भी इसका हिस्सा बना सकते हैं। क्लासिफाइड फाइलें ई-ऑफिस से नहीं भेजी जाएंगी। नेशनल इंर्फोमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) को ई-ऑफिस वर्किंग की नोडल एजेंसी बनाया गया है। डीओपीटी ने इस बाबत सभी मंत्रालयों और विभागों से 21 मई तक सुझाव मांगे हैं। अगर कोई मंत्रालय या विभाग इस तारीख तक कोई सुझाव नहीं देता है, तो ई-ऑफिस के लिए उसकी स्वीकृति मानी जाएगी।
लॉकडाउन 1.0 से कई मंत्रालय कर रहे वर्क फ्रॉम होम
डीओपीटी के भेजे गए ड्राफ्ट में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अवधारणा अब काफी महत्वपूर्ण बन गई है। 25 मार्च को लागू हुए लॉकडाउन 1.0 से लेकर अभी तक विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों ने अपना 80 फीसदी काम ‘वर्क फ्रॉम होम’ के जरिए ही पूरा किया है। अब इसे आगे भी ऐसे ही जारी रखा जाएगा। एनआईसी ने ई-ऑफिस और वीडियो क्रॉफ्रेंसिंग जैसा मजबूत प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है। लॉकडाउन 4.0 के बाद भी यह व्यवस्था जारी रहे, इसके लिए अब जो ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, उसमें सुरक्षा का सबसे अधिक ध्यान रखने की ओर फोकस होगा।
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जानकारी के अनुसार, एनआईसी गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सिक्योरिटी गाइडलाइन तैयार करेगा। लैपटॉप, रोटेशन के आधार पर मुहैया कराया जाएगा। आईटी के दूसरे लॉजिस्टिक की जिम्मेदारी भी एनआईसी को सौंपी गई है। डाटा कार्ड के लिए रिम्बर्समेंट का प्रावधान किया जाएगा। ई-ऑफिस के दौरान सेंट्रल रजिस्ट्री यूनिट (सीआरयू) और फ़िजिकल डाक प्रणाली काम करती रहेगी। ई-ऑफिस के काम में देरी न हो, इसके लिए एसएमएस और ईमेल पर अलर्ट भेजेंगे। अहम फाइलें, ई-ऑफिस के नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम में रहेंगी। विभिन्न मंत्रालयों के बीच अहम फाइलों का आदान-प्रदान पहले की तरह ही निर्बाध रूप से जारी रहेगा।