सूचीबद्धता से एलआईसी के संचालन में पारदर्शिता बढ़ाने में मिलेगी मदद: अनुराग ठाकुर

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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पालिसीधारकों के हितों की पूरी सुरक्षा का प्रबंध करेगी और सूचीबद्धता से एलआईसी के संचालन में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। बजट के बाद ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बयान दिया है।

एलआईसी के पूरे शेयर अभी सरकार के हाथ में-

ठाकुर ने आगे बताया कि सरकार ने एलआईसी को सूचीबद्ध कराने का एक विचार प्रस्तुत किया है और ब्यौरा बाद में आएगा जो एलआईसी व पालिसीधारकों के हक में ही होगा और एलएआईसी के शेयरों की बिक्री की योजना तैयार होने के बाद इसका विवरण भी सभी के सामने आएगा। गौरतलब है कि सरकार ने अगले वित्तवर्ष 2020-21 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है और एलआईसी व आईडीबीआई से 90 हज़ार करोड़ रुपए हासिल करने की योजना है हालांकि एलआईसी के पूरे शेयर अभी सरकार के हाथ में ही हैं।

जन-जन का बजट-

ठाकुर ने मीडिया से इस बजट को ‘ जन-जन का बजट ’ कहा है और बताया कि किसानों की आय दोगुना करना सरकार की बड़ी प्राथमिकता है।

आईपीओ अगले वित्त वर्ष में-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत दिनों बजट पेश करने के दौरान एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव किया है और इसका पहला सार्वजिनक निर्गम (आईपीओ) अगले वित्त वर्ष में लाए जाने की संभावना है।

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इधर कर्मचारी यूनियन ने जताया विरोध-

एलआईसी कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार के आईपीओ लाने के इस निर्णय का विरोध किया है और कहा है कि सरकार का यह क़दम जनहित के ख़िलाफ़ है। ऑल इंडिया लाइफ़ इंश्योरेंस एम्प्लॉयीज़ फ़ेडरेशन के महासचिव राजेश निम्बालकर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी कंपनियों के लिए जब भी पैसे की ज़रूरत पड़ती है तब एलआईसी हमेशा से आख़िरी सहारा रहा है और अब हम एलआईसी में अपने शेयर का एक हिस्सा बेचने के सरकार के फ़ैसले का पुरज़ोर विरोध करते हैं।

 

 

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