क्यों इतनी ख़ास है बरसाना की लट्ठमार होली जहां महिलाओं से लाठी खाने आते हैं मर्द?

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Lathmar-Holi

भारत में दिवाली के बाद एक होली ही है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, होली के इस अद्भुत त्योहार को देश के हर हिस्से में अपने-अपने तरीके से लोग मनाते हैं। बीते दिन नंदगांव में लठमार होली खेली गई, जिसको लेकर लोगों का जोश और उत्साह देखने लायक था। नंदगांव और बरसाना में खेली जाने वाली इस खास होली की क्यों  इतनी धूम मचती है। आइए जानते हैं इसको मनाने की कैसे शुरूआत हुई..

उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के बरसाना में खेली जाने वाली लट्ठमार होली हर साल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनती है। इस खास तरह की होली को खेलने के लिए देश-विदेश से लोग 1-2 दिन पहले ही पहुंच जाते हैं।

8 दिन पहले शुरू हो जाती है लट्ठमार होली

बरसाना में लट्ठमार होली खेलने के अगले दिन ऐसी ही होली नंदगांव में मनाई जाती है। जब भी प्रेम का जिक्र किया जाता है कृष्ण और राधा के बिना वो अधूरा ही रहता है। ठीक उसी तरह बरसाना ही यह लट्ठमार होली कृष्ण-राधा से जुड़ी हुई है। बरसाना को राधा की नगरी कहा जाता है, जहां होली से ठीक 8 दिन पहले लट्ठमार होली खेली जाती है। लट्ठमार होली के दौरान महिलाएं पुरुषों को लाठी से मारती हैं और पुरुष खुद का ढाल से बचाव करते हैं। जो महिलाएं लाठी मारती है उन्हें हुरियारिनें कहा जाता है। लाठी मारने के लिए जहां महिलाएं महीने भर से तैयारी करती है, वो दूध, बादाम और पौष्टिक पदार्थों की डाइट लेती हैं वहीं पुरूष बचने के हर संभव उपाय तलाशते हैं।

क्या है लट्ठमार होली की कहानी?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की प्रेमिका राधा बरसाना में रहती थी और वहां से 8 किलोमीटर दूर नंदगांव में खुद कृष्ण रहते थे। सदियों से इन दोनों गांवों के बीच लट्ठमार होली खेली जाती है। माना जाता है कि कन्हैया होली से पहले अपने दोस्तों की टोली लेकर बरसाना गए। वहां वो राधा और उनकी सखियों के साथ होली खेलते हैं और सभी के साथ हंसी ठिठोली भी करते हैं। बदले में राधा व उनकी सखियां कृष्ण और उनकी टोली पर लाठियां बरसाती है, कहा जाता है कि यह प्रेम भरा प्रहार होता था।

शुभ मानते हैं लट्ठमार होली खेलना

कृष्ण के समय से ही यह मान्यता चली आ रही है कि बरसाने की औरतों की लाठी अगर किसी को छू जाए तो वह सौभाग्यशाली होता है। वहीं लोग होली खेलने के बाद नेग यानि रूपए या गिफ्ट भी हुरियारिनों को देते हैं।

 

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