लच्छू महाराज ने आपातकाल में विरोध जताने के लिए जेल के भीतर किया था तबला वादन

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भारत के ख्यातनाम तबला वादक लच्छू महाराज की आज 79वीं बर्थ ए​निवर्सरी है। वह तबला वादन में बनारस घराने से ताल्लुक रखते थे। क्योंकि उन्होंने तबला वादन की शिक्षा इसी घराने से ली थी। उन्होंने अपनी पहली परफॉर्मेंस मुंबई में दी, तब उनकी उम्र महज़ आठ साल थीं। जब देश में आपातकाल लगा हुआ था, तब लच्छू महाराज ने जेल के अंदर विरोध जताने के लिए तबला वादन किया था। महाराज का नाम उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत सरकार के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों में से एक ‘पद्मश्री’ को ठुकरा दिया था। इस खास अवसर पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

Lachhu-Maharaj

लच्छू महाराज का जीवन परिचय

मशहूर तबला कलाकार लच्छू महाराज का जन्म 16 अक्टूबर, 1944 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। उनके पिता का नाम वासुदेव नारायण सिंह था। उनकी बहन का नाम निर्मला था, जो प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की मां थीं। उनका असल नाम लक्ष्मी नारायण सिंह था, परंतु उन्हें लच्छू महाराज के नाम से प्रसिद्धि मिलीं। नामी तबला वादक लच्छू महाराज ने अपनी पहली शादी प्रसिद्ध भारतीय कथक नृत्यांगना अन्नपूर्णा मिश्रा सिंह से की थी, जिसने उन्हें एक बेटी रचना थी। अन्नपूर्णा के कम उम्र में निधन हो जाने के बाद उन्होंने टीना नाम की एक फ्रांसीसी महिला से शादी की और इन दोनों की एक बेटी नारायणी थी।

Lachhu-Maharaj-Wife

चारों घरानों की ताल एक कर लेते थे लच्छू

लच्छू महाराज बनारस घराने से आते थे, परंतु उनके तबला वादन में वह ख़ासियत थी कि वह चारों घरानों की ताल एक कर लेते। उनका गत, परन, टुकड़ा कमाल का था। उन्होंने कभी किसी की फरमाइश पर तबला नहीं बजाया। महाराज ने अपने तबला वादन के हुनर को देश-विदेश में कई बड़े आयोजन में शानदार प्रस्तुति देकर साबित किया। उन्होंने अपने तबले की थाप पर लोगों को खूब झूमने के लिए मजबूर किया था। लच्छू ने 8 साल की उम्र में मुंबई के एक कार्यक्रम में तबला वादन किया, जिसे देखकर मशहूर तबला वादक नवाज अहमद जान थि‍रकवा ने कहा था ‘काश लच्‍छू मेरा बेटा होता।’

दिग्गज तबला प्लेयर लच्छू महाराज को भारत सरकार की ओर से देश के चौ​थे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ के लिए नामित किया गया था, परंतु उन्होंने यह कहते हुए अवॉर्ड लेने से मना कर दिया कि किसी कलाकार को अवॉर्ड से ज्यादा श्रोताओं की वाह की जरूरत होती है और उनकी तालि‍यों की गड़गड़ाहट ही पुरस्‍कार होता है।

वाराणसी में हुआ लच्छू महाराज का निधन

लंबी अवधि तक बीमार रहने के बाद 27 जुलाई, 2016 को तबला वादन की दुनिया के सितारे लच्छू महाराज का वाराणसी में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

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