नौसेना दिवस : जब 90 मिनट में पाकिस्तानी सेना के टैंकर जलकर हो गए थे राख

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आज पूरा देश हमारे नौसेना के जाबांजो को याद करने के लिए नौसेना दिवस मना रहा है। आज के दिन देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले जवानों की बहादुरी का जश्न मनाया जाता है। पूरे देश में हर साल 4 दिसंबर को हम नौसेना दिवस मनाते हैं। हर साल इसी दिन 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई भारतीय नौसेना की जीत पर नेवी डे मनाया जाता है।

क्या था ऑपरेशन ट्राइडेंट ?

3 दिसंबर 1971 के दिन पाकिस्तान की सेना ने भारत के हवाई और सीमावर्ती क्षेत्रों पर धावा बोल दिया। इस हमले को 1971 के युद्ध की शुरुआत माना जाता है। भारत की तरफ से जवाबी हमला किया गया जिसे आगे जाकर ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ नाम दिया गया। इस हमले में पाकिस्‍तानी नौसेना के कराची मुख्‍यालय को निशाना बनाया गया था।

भारत की तरफ से मिसाइल नावों और युद्ध-पोत से हमला किया गया जिसमें कराची के तट पर खड़े कई पाकिस्तानी जहाज नेस्तनाबूद हो गए थे।

सात दिनों तक धधकता रहा पाकिस्तान का नेवी बेस

भारत की ओर से किए गए जवाबी हमले में कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज पूरी तरह से तबाह हो गया। कराची के लगभग सभी तेल टैंकर जलकर खाक हो गए। आग इतनी भयावह थी कि 60 किलोमीटर दूर तक भी उसकी धधक महसूस की जा सकती थी। इस आग को 7 दिन बाद तक पूरी तरह से बुझाया नहीं जा सका।

गौरवशाली है नौसेना का इतिहास

भारतीय नौसेना यानि इंडियन नेवी हमारे देश की सेना का सामुद्रिक हिस्सा है। इसकी स्थापना 1612 में की गई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी सबसे पहले अपने जहाजों को सुरक्षित रखने के लिए East India Company’s Marine नाम से एक सेना बनाई जिसे आजादी के बाद भारतीय नौसेना नाम दे दिया गया।

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