केन्द्र सरकार लगातार कैशलेस सिस्टम को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ‘फास्टैग’ इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम के तहत 1 दिसंबर, 2019 से सभी वाहनों के लिए ‘फास्टैग’ अनिवार्य कर दिया है। हाल में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन मोबाइल कांग्रेस में ‘वन नेशन वन फास्टैग’ योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत अब टोल भुगतान केवल वाहनों पर लगे फास्टैग कार्ड के माध्यम से होगा। जिन वाहनों पर फास्टैग लगा नहीं होगा, उनसे टोल बूथ पार करने के लिए दोगुना शुल्क लिया जाएगा। नई स्किम के लागू होने पर देश में कोई भी वाहन बिना कैश में टोल दिए कहीं भी सफ़र कर सकेगा।
क्या होता है फास्टैग या आरएफआईडी?
यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है, जिसे ‘फास्टैग’ या ‘आरएफआईडी’ कहा जाता है। इसे वाहनों के विंडस्क्रीन पर सबसे ऊपर बाएं ओर लगाया जाता है। यह दिखने में एक छोटा सा टैग होता है। इससे टोल प्लाजा को बिना रुकावट के आसानी से पास कर सकते हैं। जैसे ही कोई वाहन टोल प्लाजा पर पहुंचता है, वहां लगी डिवाइस वाहन की विंडस्क्रीन पर लगे टैग को रीड कर लेती है और वाहन मालिक के फास्टैग ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट से तुरंत टोल कट जाता है।
यूजर के फास्टैग अकाउंट से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए दी जाती है। जिस तरह अन्य ऑनलाइन वॉलेट में पैसा डालते हैं, उसी तरह इसे भी टॉप-अप किया जा सकता है। मार्च 2020 से फास्टैग के जरिए भुगतान करने पर 2.5 फीसदी कैशबैक भी मिलने लगेगा।
‘एक देश एक फास्टैग’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि अभी देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 527 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 380 टोल प्लाजा की सभी लेन फास्टैग से लैस हो गई हैं। बाकी टोल प्लाजो को भी फास्टैग से लैस किया जा रहा है। 1 दिसंबर से देश के सभी टोल प्लाजा पर यह व्यवस्था हो जाएगी।
फास्टैग से नहीं लगेगा जाम और समय भी बचेगा
अनिवार्य रूप से लागू होने वाले इस फास्टैग कार्ड का सबसे बड़ा उद्देश्य टोल बूथ पर लगने वाले समय को समाप्त करके यात्रा के समय में कटौती करना है। फास्टैग की व्यवस्था लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगेगा, जिससे लोगों का समय बचेगा। साथ ही वाहनों के टोल पर खड़े होने के दौरान होने वाला फालतू ईंधन खर्च भी बचेगा। फास्टैग कार्ड में कम से कम 100 रुपये से लेकर अधिकतम कितने भी रुपयों से टॉप-अप कर सकते हैं। टोल बूथ पार करने पर इसी वॉलेट से टोल भुगतान कटेगा। वॉलेट में पैसे तब तक रहेंगे जब तक आप उनका उपयोग नहीं कर लेते। कार्ड गुम होने की पर 100 रुपये में नया कार्ड खरीद सकते हैं। टोल से रोज अप-डाउन करने वाले स्थानीय निजी वाहनों का मासिक पास पहले की तरह 235 रुपये में ही बनेगा।
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अपने वाहन पर यहां लगवा सकते हैं फास्टैग कार्ड
कोई भी वाहन यूजर टोल प्लाजा के काउंटर पर फास्टैग कार्ड लगवा सकता है। इसके अलावा एनएचएआई द्वारा एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईएचएमसीएल और आईडीएफसी को भी इसके लिए अधिकृत किया है। इसके लिए ऑनलाइन ऐप माई फास्टैग ऐप, पेटीएम और अमेज़न पर भी आवेदन किया जा सकता है। फास्टैग बनवाने के लिए उस वाहन की आरसी, वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की कॉपी सब्मिट करनी होगी।