14 फरवरी 2019 को जब देश की आवाम का एक हिस्सा वेलेंटाइन डे के जश्न में डूबा था तो कुछ चुनावी माहौल में नेताओं का झंडा पकड़े घूम रहे थे, इसी बीच एक खबर आई जिसने हर किसी को वहीं सुन्न कर दिया। 2,500 से अधिक सीआरपीएफ जवानों का काफिला 78 वाहनों के जरिए जम्मू से श्रीनगर जा रहा था तभी 3:30 बजे अवंतीपुरा के पास विस्फोटक से भरी एक कार काफिले से आ टकराती है और कुछ ही सैकेंड्स में 40 सीआरपीएफ जवानों के चिथड़े जमीन पर बिछ जाते हैं।
कुछ देर बाद आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद हमले की जिम्मेदारी लेता है। हमला फिदायीन था जिसमें 22 साल के आदिल अहमद को मानव बम बनाकर इस्तेमाल किया गया था। हमले के बाद जहां भारत में अफरातफरी मच गई वहीं हर बार की तरह पाकिस्तान ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया।
जानकारों ने 1989 के बाद से कश्मीर में सुरक्षा कर्मियों पर हुए अब तक यह सबसे घातक आतंकी हमला बताया।
शाम होते-होते आम जनता के दिलों में जहां शहीदों के लिए शोकाभिव्यक्ति और श्रद्धांजलि थी वहीं एक बार फिर आतंकवाद और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश उबाल मार रहा था। टीवी मीडिया के आलीशान स्टूडियो से एंकर बदला…बदला के नारों में गला फाड़ने लगे। देश जहां शहीदों की शहादत और आतंकवाद पर एकजुट दिखाई दिया जो लाजमी भी थी वहीं युद्ध की चीत्कार और हाहाकार चारों तरफ मचने लगा।
अगले 12 दिनों तक देश में हर गली नुक्कड़ पर चर्चा का केंद्र बिंदु पाकिस्तान और आतंकवाद रहा, सरकार पर जवाबी कार्रवाई करने का दबाव हर तरफ से बढ़ रहा था।
सर्जिकल स्ट्राइक-2
आखिरकार 26 फरवरी की अलसुबह भारतीय वायुसेना के 12 मिराज जेट ने LoC से 80 किलोमीटर अंदर तक जाकर ऑपरेशन बालाकोट को अंजाम दिया। सुबह होते-होते तस्वीर साफ हुई और पता चला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैम्पों को सुदर्शन बम गिराकर ध्वस्त कर दिया गया है जिसमें 200 से 300 दहशतगर्दियों के मारे जाने की खबर आई।
भारत की यह सुबह मानो किसी जीत या फिर बदले की गवाही दे रही थी। हर तरफ जश्न का माहौल था, लोग मोदी सरकार ने नाम पर सीना ठोक रहे थे। पाकिस्तान आतंकवाद के नाम पर पहली बार दबाव में दिखाई दिया। मीडिया ने कहा बदला पूरा हुआ और सरकार ने दावा किया कि अब देश सुरक्षित हाथों में है।
मिग क्रेश, विंग कमांडर अभिनंदन लापता
जहां भारत ने अपना बदला पूरा किया वहीं पाकिस्तान की तरफ से बयान आने लगे कि भारत ने इंटरनेशनल नियमों को तोड़ा है, हमारी सेना 24 घंटों के अंदर करार जवाब देगी। एयर स्ट्राइक मानो तनाव की महज एक शुरूआत थी, अगली सुबह पाकिस्तान के फाइटर जेट F-16 ने भारतीय हवाई क्षेत्र में एंटर हुए जिन्हें भारतीय वायुसेना ने तुरंत प्रभाव से खदेड़ा।
इसी बीच भारतीय वायुसेना का मिग-21 घायल होकर पाकिस्तान की सरजमीं पर जा गिरा और वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया। जहां पाकिस्तान ने अटैक को अपनी आत्मसुरक्षा और पावर का एक मुजाहिरा बताया और कमांडर को गिरफ्तार करने का दावा भी किया।
भारत का विदेश मंत्रालय सुबह से जिस पायलट के लापता होने की बात कर रहा था उसने शाम होते-होते यह मान लिया कि हमारा एक पायलट पाकिस्तान के कब्जे में है जिसकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
27 फरवरी की शाम फिर एक बार देश अभिनंदन की वापसी के लिए एक साथ खड़ा दिखाई दिया। चारों तरफ चिन्ता की लकीरें दिख रही थी तो सलामती की दुआओं का दौर भी बराबर चल रहा था। कुछ जानकार और मीडिया पायलट की वापसी के लिए सभी तकनीकी पेंच समझा रहे थे तो हर तरफ जेनेवा कन्वेंशन की दुहाई दी जा रही थी।
28 को इमरान का ऐलान
28 फरवरी का दिन फिर एक बार भारत की आवाम के लिए जश्न का दिन था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद से विंग कमांडर अभिनंदन को सुरक्षित वापस भेजने का ऐलान किया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने शांति और अमन के साथ आतंकवाद पर डायलॉग से बात आगे बढ़ाने के भी संकेत दिए।
इतने दिनों के इस पूरे घटनाक्रम के बीच टीवी चैनल्स के न्यूज़ रूम, सोशल मीडिया और सड़कों पर बहुत कुछ चल रहा था जिसको हमनें शब्दों का ढांचा देने की एक कोशिश की है। आइए देखते हैं।
– पाकिस्तान पर दबाव
पुलवामा अटैक के बाद से अब विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई तक पहली बार पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर दबाव में नजर आया। जहां पुलवामा अटैक की यूएई, अमेरिका, से लेकर हर बड़े देश ने निंदा की तो आतंकवाद के मुद्दे पर सभी एकजुट दिखाई दिए।
– मीडिया का गिरा हुआ स्तर, पत्रकारों की ट्रोलिंग और देशभक्ति की नई परिभाषाएं
पुलवामा अटैक के बाद से देश के न्यूज चैनलों के एंकर सबसे ज्यादा व्यस्त लोगों में से थे। हर दिन चीख चीख कर देशभक्ति की नई परिभाषाएं स्टूडियो में बनाई जा रही थी। राष्ट्रभक्ति के उबाल में युद्ध के लिए उद्घोषणा सीधे टीवी से ही हो रही थी। इस बीच जो चुप थे उन पर देश द्रोही का टैग लगा दिया गया, पत्रकारों को कुछ ना बोलने पर ट्रोल किया गया।
– लोगों का जोश और सोशल मीडिया
आतंकवाद के खिलाफ देश के हर बच्चे-बच्चे में गुस्सा था जो होना स्वभाविक और जरूरी भी था लेकिन इन सब के बीच लोगों की भावनाओं की बाढ़ सोशल मीडिया पर आ गई। हर तरफ भड़काऊ पोस्ट और वीडियो चिपकने लगे और आग की तरह शेयर होने लगे। देश के जवानों पर हर किसी को सीना ठोक कर गर्व करना चाहिए लेकिन इसी बीच हम मर्यादाओं की हत्या करेंगे तो यह एक भारतीय होने की परिभाषा पर शक करने को मजबूर करता है।
– कश्मीरियों पर अत्याचार
देश के लोगों में भारी आक्रोश था इसी बीच कश्मीरियों पर अत्याचार की खबरें हर कोने से आने लगी। कॉलेजों के हॉस्टलों से छात्रों को निकाल दिया गया, सड़कों पर आम लोगों को पीटा गया जो अपने आप में काफी भयावह था।
अब पाकिस्तान ने अमन की बात की है, भारत की रगों में हमेशा से अमन का खून दौड़ा है…आगे देखना यह होगा कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद को लेकर एक राय कैसे बन पाती है जो कि हर किसी के लिए फायदेमंद साबित होगी।