बचपन से सुनते आ रहे हैं कि साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है, आज के बाद दिन छोटे होने शुरू हो जाएंगे। ये दो बातें स्कूल के टीचर से लेकर मम्मी सभी ने बताई है।
दूसरे शब्दों में कहें तो आज के दिन पल भर के लिए आप अपने साये को भी नहीं देख सकते हैं। इससे पहले आपका कन्फ्यूजन ज्यादा सिर से ऊपर चला जाए, हम बताते हैं इसका एक लाइन वाला जवाब। जी हां, आज का दिन इसलिए सबसे बड़ा है क्योंकि सूर्य के कर्क रेखा के ठीक ऊपर होता है। अब इस जवाब से भी आपको संतुष्टि नहीं मिली होगी। चलिए वैज्ञानिकों के पास चलते हैं।
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) में खगोल वैज्ञानिक हैं डॉ. शशिभूषण पांडे, उनका कहना है कि समय बदलने या दिन छोटे-बड़े होने के पीछे कई तरह के कारण होते हैं।
वैज्ञानिक वाला जवाब –
हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी हर समय अपने अक्ष पर घूमती रहती है। घूमते हुए पृथ्वी अपने अक्ष में 23.50 डिग्री झुकी होती है जिसके कारण सूरज और चांद निकलते औऱ छिपते हैं और दिन-रात होते रहते हैं। इसी के कारण ही दिन और रात जल्दी और लेट होने में भी अंतर दिखाई देता है।
अब एक शब्द आता है जो काफी अहम है- गोलार्द्ध, जी हां, इसका मतलब होता है आधा गोला। हमारी पृथ्वी भी दो भागों में बंटी हुई है, जिन्हें उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं।
दक्षिणी गोलार्द्ध किसी ग्रह का वह आधा भाग होता है, जो उसकी विषुवत रेखा के नीचे (दक्षिणी ओर) होता है। उत्तरी गोलार्द्ध इसके ठीक उलट होता है। उत्तरी गोलार्द्ध का उत्तरी छोर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध का दक्षिणी छोर बहुत ठंडे स्थान होने के कारण वहाँ बर्फ का साम्राज्य रहता है।
पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में सर्दी दक्षिणायन (दिसंबर से मार्च) तक चलती है और गर्मी, उत्तरायण (जून से सितंबर) तक होती है।
इन दिनों सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध से होकर गुजर रहा है, भयंकर गर्मी के साथ लंबे दिन है। वहीं ठीक इसके उलट दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। मौसम की बात करें तो दक्षिण गोलार्द्ध में इस समय भारी सर्दी पड़ रही है। ऐसे ही यह साइकिल पूरे साल यूं ही चलता रहता है।
21 जून को क्या होता है ?
21 जून को सूर्य कर्क रेखा के एकदम ऊपर होता है। कर्क रेखा वाले इस भाग में पल के लिए धरती पर रहने वाली हर चीज की परछाई गायब हो जाती है। इसे समर सोल्सटिस भी कहा जाता