ओम बिड़ला : छात्र राजनीति के गलियारों से पहुंचे दिल्ली, अब संभालेंगे लोकसभा अध्यक्ष की कमान

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17वीं लोकसभा का सत्र शुरू होने के बाद आज लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा जिसके लिए एक चौंकाने वाला नाम सामने आया है। हैरानी की बात इसलिए क्योंकि जो नाम सामने आया है उनका जिक्र राष्ट्रीय राजनीति में इससे पहले कभी नहीं हुआ।

जी हां, बीजेपी ने राजस्थान के कोटा से दो बार सांसद रहे ओम बिड़ला का नाम लोकसभा स्पीकर के लिए तय किया है।

हालांकि सभी राजनीतिक पंडित ओम बिड़ला का नाम तय होने के पीछे की वजहें तलाश रहे हैं तो कुछ का कहना है कि बीजेपी ने फिर एक बार संदेश दिया है कि कुछ अहम पदों के लिए अनुभव और समीकरण दोनों को साथ रखना जरूरी है।

इससे पहले हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने यह साफ कर दिया कि किसी भी बड़े पद के लिए वरिष्ठता ही एक मात्र पैमाना नहीं हो सकता है।

कोटा से शुरू किया राजनीतिक सफर

ओम बिड़ला कोटा में श्रीकृष्ण बिड़ला और शकुंतला देवी के घर 4 दिसंबर 1962 को पैदा हुए। बिड़ला ने कॉमर्स में पोस्‍टग्रेजुएट किया और संस्‍कृत का भी ज्ञान हासिल किया। 1979 में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे जिसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीतिक सफर तय करते हुए 2003, 2008 और 2013 में कोटा से विधायक का चुनाव जीता।

16वीं लोकसभा में पहली बार सांसद बन दिल्ली पहुंचे। हाल में हुए 2019 लोकसभा चुनाव में कोटा से फिर ओम बिड़ला सांसद चुने गए हैं। बिड़ला के पारिवारिक बैकग्राउंड की बात करें। उनकी पत्नी अमिता बिड़ला एक डॉक्टर हैं। दो बेटे और दो बेटियां हैं।

लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं बिड़ला

वैश्य बिरादरी से आने वाले बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने की वजहों का पता लगाने के लिए हर कोई अपने कयास लगा रहा है। बिड़ला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव के पद पर रह चुके हैं। राजनीति में उनकी पहचान लीक से हटकर काम करने वाले नेता की है।

वहीं बिड़ला की प्रबंधन क्षमता का हर कोई कायल है। हालांकि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके कमजोर रिश्तों की चर्चा भी बराबर होती रही है।

कई अहम समितियों की मिली जिम्मेदारी

ओम बिड़ला को 2014 में कई संसदीय समितियों में शामिल किया गया था जिनमें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति हैं। इसके अलावा 1992 से 1995 तक बिड़ला राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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