भारत राजे-रजवाड़ों का देश रहा है जहां कई राजा-महाराजा की शान और वीरता के किस्से खूब चर्चित रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर का है जिन्होंने अपने अपमान का जो बदला लिया उसके कसीदे आज भी लोग सीना फूला कर पढ़ते हैं। एक भारतीय राजा की शान में गुस्ताखी करने के क्या परिणाम हो सकते हैं यह दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी को तब समझ आया जब उसने लिखित में माफी मांगी।
बात 1920 की है जब महाराजा जय सिंह ब्रिटेन घूमने गए हुए थे। विदेशी लिबास और चेहरे पर भारतीय तेज पहने वो जब सड़कों पर घूमने निकले तो अचानक उनकी नज़र दुनिया की सबसे मशहूर कार निर्माता कंपनी रोल्स रॉयस के शोरूम पर पड़ी। कारों के शौकीन तो नहीं थे पर कुछ नया देखने और जानने की उत्सुकता शोरूम के अंदर ले गई। वहां पहुंचकर वो सेल्समैन से गाड़ियों के फीचर्स और कीमत के बारे में बात करने लगे।
अब जैसा कि अंग्रेज भारतीयों को हमेशा से गरीब मानते आएं हैं, उस सेल्समैन ने भी राजा जय सिंह को देखकर उनकी औकाद का अंदाजा लगा लिया और शोरूम से बाहर निकाल दिया। लेकिन उसको इस बात का अंदाजा नहीं था कि साधारण लिबास में जो शख्स था वो कौन था?
राजा को निकाल सैल्समेन ने कर दी बड़ी गलती
राजा को शोरूम से निकाले जाने की घटना ने काफी व्यथित किया। होटल पहुंचकर उन्होंने अपना राजसी लिबास पहना और शोरूम के मालिक को एक सूचना भिजवाई कि अलवर के महाराज जय सिंह पधार रहे हैं। ये सुनकर शोरूम में राजा के भव्य स्वागत की तैयारियां होने लगीं, रेड कारपेट बिछ गए, मालिक माला लेकर गेट पर खड़ा था।
जय सिंह ने शोरूम पहुंचकर कारों के बारे में जानकारी ली और वहां मौजूद सभी 6 कारों को तुरंत खरीद लिया। तब वह सैल्समैन भी अपनी गलती समझ चुका था लेकिन राजा ने उसे उस वक्त कुछ नहीं कहा। अब आप सोच रहे होंगे कि सैल्समेन को अपमान करने का सबक तो मिला ही नहीं? आइए बताते हैं बाद में क्या हुआ।
रोल्स रॉयस कारों से राजा ने उठवाया शहर का कचरा
राजा ने रोल्स रॉयस को सबक सिखाने के लिए एक तरकीब सोचते हुए ब्रिटेन से लाई सभी 6 कारों को शहर का कचरा साफ करने के लिए म्यूनिसिपैलिटी वालों को दे दी।
अब पूरे शहर में रोल्स रॉयस के पीछे झाडू बांध कर सड़कों पर से कचरा उठाया जाने लगा। किसी शहर का कचरा अगर रोल्स रॉयस से उठाया जाए तो ये बात आग की तरह पूरे देश में फैलनी तो लाज़मी थी।
हम सभी जानते हैं कि रोल्स रॉयस की पहचान हमेशा से ही शाही सवारी कारों से हुई है, ऐसे में कोई राजा उनसे अगर अपनी सड़कों पर झाड़ू लगवाए तो कंपनी की फजीहत शुरू होने लगी। बाजार में भी कंपनी को भारी नुकसान हुआ।
रोल्स रॉयस ने मांगी माफी
आखिरकार कंपनी और सैल्समेन ने राजा को लिखित में माफीनामा भेजा और 6 और रोल्स रॉयस कारें भेंट दी। राजा जय सिंह ने रोल्स रॉयस की तरफ से आए इस माफी पत्र को स्वीकार कर लिया। कुछ इस तरह राजा ने ब्रिटेन की इस शाही कार कंपनी का गुरूर पल भर में तोड़ दिया।