आतंकवादियों और शातिर अपराधियों पर लगने वाला रासुका कमलनाथ सरकार ने गोकशी में लगा दिया !

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हमारे देश का यह दुर्भाग्य ही समझिए कि यहां एक जानवर के नाम पर लोगों को बरगलाया जा सकता है तो उसी जानवर के नाम पर वोट मांगकर सरकारें भी बनाई और चलाई जा सकती है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला अपनी संजय गांधी के खास और पार्टी में कद्दावर नेता की हैसियत कमलनाथ का राजतिलक हुआ।

पिछले कुछ सालों में गाय की जिस तरह राजनीति में एंट्री हुई है उसको लेकर बीजेपी ने कथित रूप से जहां इसका भरपूर फायदा उठाया है तो कांग्रेस की पारंपरिक राजनीति ही उसकी चुप्पी का कारण बनी हुई है।

लेकिन कमलनाथ चुनाव की रैलियों से ही अलग पटरी पर चलते दिखाई दिए। वे शुरू से ही गोवंश और गाय के लिए काम करने और कानूनों को गिनवाने की बात करते रहे। चलिए किसी राज्य की सरकार में गोवंश के लिए कुछ अच्छी पहल की जाए तो इसकी तारीफ की जानी चाहिए लेकिन हाल में कमलनाथ सरकार ने जो किया उसके बाद लगता है वो गाय को लेकर कुछ ज्यादा ही इमोशनल हो गए !

मामला क्या है ?

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार खंडवा में 31 जनवरी को सामने आए गोहत्या के मामले में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है।

पुलिस ने बताया कि रासुका के तहत इसलिए कार्रवाई की है क्योंकि यह मामला काफ़ी संवेदनशील है और इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है इसलिए हमने रासुका लगाया है।

लेकिन फिर भी जिस मध्यप्रदेश में गोकशी पर पहले से बैन है वहां ऐसे मामले में अपराधियों पर NSA लगाना बहुत बड़ी बात है।

क्या होता है NSA ?

NSA 1980 में इंदिरा गांधी सरकार की देन है जिसे अन्य कानूनों की तुलना में काफी ताकतवर माना जाता है। इस कानून में केंद्र या राज्य सरकार किसी को शक की बिनाह पर भी हिरासत में सकती है अगर उन्हें लगता है कि फलाना व्यक्ति देश की सुरक्षा या हित के खिलाफ कोई काम कर रहा है।

इस कानून की एक और खास बात यह है कि वैसे तो क्राइम करने के बाद अपराधी पर कार्रवाई होती है लेकिन इसके तहत आपको अपराध करने से पहले भी धरा जा सकता है।

इस दौरान पुलिस आरोपी को हिरासत में लेने की जानकारी 5 से 10 के अंदर राज्य सरकार को देती है जिसके बाद अगर राज्य सरकार हिरासत की 12 दिन के अंदर अनुमति दे देती है तो इस मामले के बारे में केंद्र सरकार को 7 दिन के अंदर बताना पड़ता है। केंद्र के परमिशन मिलने के बाद हिरासत 3 महीने तक बढ़ाई जा सकती है।

कुल मिलाकर NSA आतंकवादियों और शातिर अपराधियों द्वारा रची जाने वाली साजिशों और वारादातों को रोकने के लिए काम में लिया जाता है।

गायों के लिए कमलनाथ सरकार ?

कमलनाथ सरकार ने बनने के एक महीने के भीतर ही राज्य में 1000 से अधिक गोशालाएं को बनाने का ऐलान किया। वहीं निराश्रित गौवंश को आश्रय देने के जिस भोपाल के बुल फार्म की जगह पर आईएएस अफसरों का गोल्फ कोर्स बनना था वो रद्द कर दिया। अब आप खुद इतने समझदार हैं कि समझ सकते हैं कि क्या संदेश देने की कोशिशें की जा रही है ?

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