कमलनाथ सरकार का फरमान, नसबंदी टारगेट पूरा नहीं किया तो तनख्वाह भी नहीं

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मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का सरकारी कर्मचारियों को जारी किया एक फरमान चर्चाओं में आ गया है। सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि अगर स्वास्थ्य पुरूष कर्मचारियों ने नसबंदी का निर्धारित टारगेट पूरा नहीं किया तो वेतन भी नहीं मिलेगा और अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी जा सकती है।

नसबंदी ऑपरेशन किया अनिवार्य

सरकार के आदेश में स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक पुरूष कर्मचारी को हर माह कम से कम 5 नसंबदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। आदेश में कहा है कि जिन कर्मचारियों ने टॉरगेट पूरा नहीं किया तो उन्हें नो वर्क नो पे के आधार पर वेतन भी नहीं दिया जाए।

फरमान से कर्मचारी असमंजस में

राज्य सरकार के इस नए फरमान से विभाग के कर्मचारी असमंजस में पड गए हैं। पुरूष कर्मचारियों का कहना है कि वह नसबंदी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला सकते हैं मगर किसी के साथ इस मामले में जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं।

एक भी नसंबदी नहीं होने पर जाएगी नौकरी

सरकार ने आदेश जारी कर बताया है कि जिन पुरूष कर्मचारियों ने 2019-20 में एक भी पुरूष की नसबंदी नहीं करवाई उनकी तनख्वाह वापस लेकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दे दी जाए।

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मध्यप्रदेश में नसबंदी का आंकड़ा घटा

जानकारी के मुताबिक एमपी में नसबंदी का आंकड़ा बहुत घट गया है और पिछले साल यह गिनती सिर्फ हजारों में रह गई है इसलिए परिवार नियोजन अभियान के तहत इतनी सख्ती कर टारगेट पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है।

कलेक्टरों व चिकित्सा अफसरों को दिए निर्देश

परिवार नियोजन के लिए अचानक हरकत में आई राज्य सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में सभी जिला कलेक्टरों व सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा है कि इस समय प्रदेश में ​केवल 0.5 प्रतिशत पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन हो रहे हैं जो कि निराशाजनक है।

 

 

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