मध्यप्रदेश में मचा राजनीतिक हड़कंप, क्या गिर जाएगी कमलनाथ सरकार?

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कांग्रेस ने सोमवार 20 मई को भाजपा पर मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को “भ्रष्ट आचरण” के माध्यम से अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा करके वे राज्य के लोगों के जनादेश को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया ने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा को खारिज कर दिया और विधानसभा चुनावों में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया।

कांग्रेस के मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया का कहना है कि भाजपा भ्रष्ट आचरण के जरिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।

वे कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में दिए गए मध्य प्रदेश के लोगों के जनादेश को नकारने की कोशिश कर रहे हैं और लोग उन्हें इसके लिए माफ़ नहीं करेंगे। बाबरिया ने कहा कि लोगों ने भाजपा सरकार की नीतियों को खारिज कर दिया था और उन्हें वोट आउट किया।

क्या है मामला?

मध्य प्रदेश में भाजपा ने कहा कि राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहिए। एएनआई से बात करते हुए, विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि हम विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल को एक पत्र भेज रहे हैं क्योंकि बहुत सारी परेशानियां सामने आ रही हैं।

भार्गव ने पीटीआई से कहा कि हमारी पार्टी कृषि ऋण माफी और सरकार की ताकत का भी जायजा करना चाहती है।  भार्गव ने कहा कि फैसलों और वित्तीय मामलों के दौरान हम यह जांचने के लिए डिवीजन की तलाश करने जा रहे हैं कि क्या कमजोर कांग्रेस सरकार को सदन में समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि हमने सरकार के फ्लोर टेस्ट की रणनीति नहीं बनाई है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार की स्थिरता को लेकर बहुत भ्रम है। एग्जिट पोल में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी के एक दिन बाद ये मांग सामने आई है।

सन् 2018 में 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में, कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और भाजपा 109 के साथ दूसरे स्थान पर रही। बहुजन समाज पार्टी को दो सीटें, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय को चार सीटें मिली थीं।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा से सत्ता पर कब्जा कर लिया था। अपने दम पर बहुमत के निशान से दो कम सीटों पर कांग्रेस को सदन में बसपा और सपा का समर्थन प्राप्त है।

हालांकि चुनाव के बाद से ही सपा और बसपा के विधायक कांग्रेस से नाराज नजर आ रहे थे, लेकिन कमलनाथ उन्हें हर बार शांत करवाते रहे। बीजेपी भी इस दौरान कांग्रेस पर हावी होती नजर आई कि सरकार अल्पमत में है। कैलाश विजयवर्गीय ने तो यहां तक कह दिया था कि जिस दिन ऊपर से आदेश आएगा मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरा दी जाएगी।

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